Manipur Violence: तीन महीने बाद भी नहीं सुधरे मणिपुर के हालात, ताजा हिंसा में 2 की मौत

मणिपुर में तीन महीने बाद भी हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं. मंगलवार को बिष्णुपुर जिले में फिर फायरिंग हुई. दो गुटों के बीच ये हिंसा नारीनसेना गांव में हुई थी.

Manipur Violence | Photo: PTI

इंफाल: मणिपुर में तीन महीने बाद भी हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं. मंगलवार को बिष्णुपुर जिले में फिर फायरिंग हुई. दो गुटों के बीच ये हिंसा नारीनसेना गांव में हुई थी. इसमें दो वॉलंटियर्स की मौत हो गई, जबकि करीब 7 लोग घायल हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को नारीनसेना में हमलावरों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर गोलाबारी की. इसके जवाब में वॉलंटियर्स ने भी फायरिंग शुरू कर दी. मौके पर भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. मणिपुर के लोगों के दर्द की दवा बनकर काम करना होगा, नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा प्रदेश: PM मोदी.

अधिकारियों ने बताया कि गांव की सुरक्षा में तैनात एक व्यक्ति अचानक बम फटने से मारा गया. वह एक राहत शिविर में रह रहा था. उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति को गोली लगी थी जिसे इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि इस बीच, विभिन्न संगठनों के चार उग्रवादियों को अलग-अलग अभियानों में गिरफ्तार किया गया है जिसमें उनके पास हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया. पुलिस ने एक बयान में बताया कि तलाशी अभियान के दौरान, पुलिस दलों ने इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर जिलों से नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) तथा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक-एक उग्रवादी और कांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) (लामयांबा खुमान गुट) के दो उग्रवादियों गिरफ्तार किया गया है.

अभियान के दौरान छह बंदूकें, पांच कारतूस और दो विस्फोटक भी जब्त किए गए. बयान में बताया गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा घाटी के पांच जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया है. राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मणिपुर में 6 हजार 523 FIR दर्ज की गई हैं. इनमें से 11 केस महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़े हैं.

मई से जारी है हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. इनमें अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय से है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.

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