Vikas Dubey Encounter: विकास दुबे के राइट हैंड रहे अमर दुबे की पत्नी खुशी का केस लड़ेगी ब्राह्मण महासभा, परिजनों से मिले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे एनकाउंटरके बाद उसके राइट हैंड रहे अमर दुबे को को भी मार गिराया था. जिसके बाद पुलिस ने कानपुर हत्याकांड में उसकी पत्नी खुशी दुबे को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया. हालांकि किशोर न्याय बोर्ड ने उसे नाबालिग करार दिया था. वहीं ख़ुशी के मदद के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सामने आया है. जो अब ख़ुशी के न्याय के लिए यह संगठन उसका केस लड़ेगी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) एनकाउंटरके बाद उसके राइट हैंड रहे अमर दुबे (Amar Dubey) को भी मार गिराया था. जिसके बाद पुलिस ने कानपुर हत्याकांड में उसकी पत्नी खुशी दुबे (Khushi Dubey) को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया. जो फिलहाल जेल में हैं. हालांकि किशोर न्याय बोर्ड ने उसे नाबालिग करार दिया था. जिसके मदद के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सामने आया है. जो अब ख़ुशी के न्याय के लिए यह संगठन उसका केस लड़ेगी.
उसके केस लड़ने को लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने ख़ुशी के परिवार से जाकर मुलाकात की है. वहीं राजेंद्र नाथ त्रिपाठी से मुलाकात के बाद खुशी के परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी बेकसूर है, उसे गलत तरीके जेल भेजा गया है. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा उनकी बेटी का केस लड़ने की बात पर परिवार वालों ने ख़ुशी जाहिर की हैं. यह भी पढ़े: Gangster Vikas Dubey Encounter: गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी जयकांत बाजपेयी और राहुल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं परिवार वालों ने जो कोर्ट के समक्ष ख़ुशी के नाबालिक होने का सबूत पेश किया है. उसके अधार पर साबित हुआ कि खुशी का जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था. जिस वक्त बिकरू हत्याकांड हुआ था, खुशी 16 वर्ष की थी. नाबालिग साबित करने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल के बयान भी दर्ज किए गए थे. जिस स्कूल में वह पढ़ी थी. क्योंकि उसके उम्र को लेकर परिवार वालों ने शैक्षणिक प्रमाण कोर्ट के समक्ष सौंपे हैं.
बता दें कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की शादी बीते 29 जून को कल्यानपुर में रहने वाले श्यामलाल तिवारी की बेटी खुशी से हुई थी. शादी के महज तीन दिनों बाद 2 जुलाई की रात विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने के लिए पहुंची थी. इसी दौरान विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अमर दुबे भी शामिल था. इस हत्याकांड के बाद अमर दुबे फरार हो गया था. जिसे यूपी एसटीएफ ने 8 जुलाई को हमीरपुर के मौदाहा में मुठभेड़ होने पर उसे मार गिराया.