
यूपी के वाराणसी में लंका थाना अंतर्गत संकटमोचन चौकी के अंदर दरोगा नवीन चतुर्वेदी द्वारा एक छात्र को डंडे से पीटने के बाद उसके बाल पकड़कर उसे घुमाने का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ हैं. मामले में दरोगा नवीन चतुर्वेदी के खिलाफ डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंडकर दिया हैं. इसके साथ ही जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि मामला करीब दस दिन पुराना बताया जा रहा है. जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल पिछले हफ्ते 2 छात्र गुटों में मारपीट हुई थी. इसी सिलसिले में पुलिस ने 3 छात्रों को पकड़कर चौकी पर लाई थी. जहां पर दरोगा नवीन चतुर्वेदी एक छात्र से पूछताछ कर रहे थे. इस बीच उनका गुस्सा फूट पड़ा और छात्र को बेरहमी से पीटने लगे. जब उनका पिटाई से भी मन नहीं भरा तो उन्होंने उसके बार पकड़कर बेरहमी के साथ घुमाया. इसी बीच किसी छात्र ने उनका वीडियो मोबाइल में कैद कर लिया. जिसे सोशल मीडिया पर वायलर कर दिया. वीडियो वायरल होते ही डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एसीपी भेलूपुर, डॉ. ईशान सोनी को जांच सौंपने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही दरोगा नवीन चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया हैं. यह भी पढ़े: VIDEO: सस्पेंड पुलिस इंस्पेक्टर मोहित यादव ने लगाई चाय की दूकान, पिछले दिनों पुलिस स्टेशन के बाहर रोते हुए किए थे सीनियर्स पर आरोप, झांसी का वीडियो हुआ वायरल
छात्र को पीटने वाले दरोगा पर गिरी गाज
यूपी के वाराणसी में संकटमोचन चौकी के अंदर दरोगा नवीन चतुर्वेदी ने छात्र को डंडे से पीटा। बाल पकड़कर उसे घुमाया। DCP ने दरोगा को लाइन हाजिर (चार्ज से हटाया) किया। पिछले हफ्ते 2 छात्र गुटों में मारपीट हुई थी। इसी सिलसिले में पुलिस 3 छात्रों को चौकी पर लाई थी। pic.twitter.com/5OFDx1DCSA
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 1, 2025
मामले में चौकाने वाले पहलू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले में एक और चौंकाने वाला पहलू यह है कि थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने के बावजूद दरोगा ने किसी भी छात्र पर कानूनी कार्रवाई नहीं की. उनके ऊपर आरोप यह भी है कि पिटाई के बाद दोनों पक्षों से पैसे लेकर मामला रफा-दफा कर दिया गया और सभी छात्रों को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया गया.
गाज गिरने पर जानें में दरोगा नवीन चतुर्वेदी ने सफाई में क्या कहा
मामले खुद के खिलाफ कार्रवाई होने परदरोगा नवीन चतुर्वेदी ने सफाई देते हुए कहा कि चौकी में लाने के बाद भी दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए थे, जिसके कारण उन्हें मजबूरी में बल प्रयोग करना पड़ा. हालांकि आला अधिकारी उनकी इस बात को मानने से मन कर दिया