Uttarakhand: तीर्थयात्रियों के आने से पहले केदारनाथ मंदीर को गेंदे के फूलों से सजाया गया
दीवाली के अवसर पर केदारनाथ मंदिर को फूलों की माला से सजा दिया गया है. इस दौरान मंदिर परिसर में मिट्टी के दिये जलाये जाते हैं. जिन गेंदों के फूलों से मंदीर और परिसर को सजाया जाता है. मंदिर को पूरी तरह से गेंदे के फूल की लड़ियों से सजा दिया गया है.
दीवाली के अवसर पर केदारनाथ मंदिर को फूलों की माला से सजा दिया गया है. इस दौरान मंदिर परिसर में मिट्टी के दिये जलाये जाते हैं. जिन गेंदों के फूलों से मंदीर और परिसर को सजाया जाता है. मंदिर को पूरी तरह से गेंदे के फूल की लड़ियों से सजा दिया गया है. उत्तराखंड में हर साल केदारनाथ मंदिर के द्वार खोलने और बंद करने की तिथि निर्धारित की जाती है. मंदिर का द्वार मार्च और अप्रैल में खुलता है और सर्दियों की शुरुआत में अक्टूबर नवम्बर के दौरान बंद हो जाता है. यह भी पढ़ें: 14 मई को केदारनाथ धाम और 15 मई को बद्रीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट
बता दें कि उत्तराखंड में प्लास्टिक बैन होने के बाद से मंदिर को स्थानीय लोगों द्वारा उगाये गए गेंदे के फूलों से सजाया जाता है. ये फूल रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ, जखोली, अगस्तमुनि ब्लॉक के अलावा लोकल संस्थाओं द्वारा भी उगाया जाता है. साल 2018 में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा लोकल प्रसाद स्कीम लॉन्च की गई थी, जिससे 2 हजार लोकल महिलाओं को नौकरी मिली.
देखें ट्वीट:
केदारनाथ मंदीर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग में बसा हुआ है. केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस पवित्र तीर्थस्थल के दर्शन के लिए लोग दुनियाभर से आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि केदारनाथ के दर्शन से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.