देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास परिसर में आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इस रिपोर्ट को अब विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा.
पूर्व उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रंजना प्रकाश देशाई की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार की गई यूसीसी रिपोर्ट को मुख्यमंत्री धामी को शुक्रवार को सौंपा गया था. रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिस पर चर्चा होने के बाद इसे पारित किया जा सकता है.
The Uttarakhand Cabinet approved the UCC report in the cabinet meeting being held at the Chief Minister's residence under the chairmanship of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. pic.twitter.com/Zf1xysFMgq
— ANI (@ANI) February 4, 2024
यदि पारित हो जाता है, तो उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा. इस कदम का राज्य में भाजपा सरकार द्वारा 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया वादा पूरा करता है.
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा, चाहे उनकी धार्मिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो. यह कानून विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने, और उत्तराधिकार जैसे मामलों को नियंत्रित करेगा.
UCC के मुख्य उद्देश्य
समानता: सभी नागरिकों के लिए समान कानून सुनिश्चित करना, चाहे उनका धर्म या समुदाय कुछ भी हो.
लैंगिक समानता: महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्रदान करना.
सामाजिक न्याय: सभी नागरिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना.
धार्मिक स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करना.
यूसीसी भारत में एक विवादास्पद विषय रहा है. इसके समर्थकों का कहना है कि यह समानता, लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा. इसके विरोधियों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और यह देश की विविधता को कमजोर करेगा.