UCC in Uttarakhand: यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, आज से प्रदेश में बदल जाएंगे शादी, संपत्ति रजिस्ट्रेशन सहित कई नियम
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UCC in Uttarakhand:  उत्तराखंड की धामी सरकार ने अपने चुनावी वादे को निभाते हुए आज से प्रदेश में यूसीसी (Uniform Civil Code) लागू कर दिया. धामी के इस कदम से यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है. यूसीसी लागू होने के बाद आज से राज्य में शादी, संपत्ति रजिस्ट्रेशन सहिएत अन्य कई नियम बदल जाएंगे.

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी के सचिव शैलेश बगोली ने इस संबंध में सभी विभागों को एक पत्र भेजा है. पत्र में यूसीसी के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. यह पत्र संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है कि 27 जनवरी से पहले सभी व्यवस्थाएं तैयार हो जाएं. यह भी पढ़े: PM Modi On UCC: देश में लागू हो सेकुलर सिविल कोड! स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता पर दिया बड़ा बयान

 आज होगा यूसीसी पोर्टल लॉन्च

इसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री यूसीसी पोर्टल लॉन्च करेंगे. दोपहर बाद 12.30 बजे सचिवालय में इसकी लॉन्चिंग होगी. इसके साथ ही, 27 जनवरी को नए कानून की अधिसूचना भी जारी की जाएगी, जिससे राज्य में यह प्रक्रिया पूरी तरह से लागू हो जाएगी. भाजपा का मानना है कि उत्तराखंड में 'समान नागरिक संहिता' (यूसीसी) लागू होने के बाद यह सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक मिसाल बनेगा.

दरअसल उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था. मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गयी थी.

सात फरवरी 2024 को विशेष सत्र में UCC विधेयक हुआ पारित

रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया और उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी. असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.

विवाह, तलाक समेत बदल जाएंगे कई  नियम

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध तथा इनसे संबंधित अन्य विषयों को नियंत्रित और नियमित करेगा. यूसीसी में सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान विवाह योग्य आयु, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं निर्धारित की गईं हैं जबकि बहुविवाह और ‘हलाला’ पर प्रतिबंध लगाया गया है.