Ramayan Cruise Tour: अयोध्या की सरयू नदी पर शुरू होने वाली आलीशान ‘रामायण क्रूज सेवा’, मिलेंगी ये लक्जरी सुविधाएं

उत्‍तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थल पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मकसद से मोदी सरकार जल्द ही ‘रामायण क्रूज सेवा’ (Ramayana Cruise Service) सेवा शुरू करने वाली है. यह आलीशान क्रूज सेवा पवित्र शहर में सरयू नदी पर संचालित होगी.

रामायण क्रूज सेवा (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम के जन्म स्थल पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मकसद से मोदी सरकार जल्द ही ‘रामायण क्रूज सेवा’ (Ramayana Cruise Service) सेवा शुरू करने वाली है. यह आलीशान क्रूज सेवा पवित्र शहर में सरयू नदी (Saryu River) पर संचालित होगी. सरयू नदी पर 'रामायण क्रूज टूर' (Ramayan Cruise Tour) जल्द शुरू करने के लिए केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में मंगलवार को अहम बैठक हुई. यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी (घाघरा / राष्ट्रीय जलमार्ग -40) पर पहली लक्जरी क्रूज सेवा होगी. इसका उद्देश्य पवित्र सरयू नदी के प्रसिद्ध घाटों की यात्रा करते हुए श्रद्धालुओं को एक तरह की आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव प्रदान करना है.

क्रूज में वैश्विक स्तर के अनुरूप आवश्यक संरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं के साथ-साथ लक्जरी और आराम की सभी सुविधाएँ मौजूद होंगी. क्रूज के अंदरूनी भाग और बोर्डिंग पॉइंट, रामचरितमानस की थीम पर आधारित होंगे. पूरी तरह से वातानुकूलित 80-सीटों वाले क्रूज में घाटों की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कांच की बड़ी खिड़कियां होंगी. पर्यटकों के आराम के लिए, क्रूज रसोई और पेंट्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा. क्रूज में पर्यावरण पर ’शून्य प्रभाव’ के लिए जैव शौचालय और हाइब्रिड इंजन प्रणाली है. अयोध्या में भव्य दीपोत्‍सव की तैयारी पूरी, सरयू तट पर विखरेगी संस्‍कृतियों की सतरंगी छटा

पर्यटकों को 1-1.5 घंटे की अवधि के 'रामचरितमानस टूर' पर ले जाया जाएगा. यात्रा के दौरान गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित विशेष रूप से बनाई गई वीडियो फिल्म दिखाई जायेगी, जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक की कथा होगी. पूरी यात्रा में लगभग 15-16 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी. रामायण के विभिन्न प्रसंगों से प्रेरित कई गतिविधियाँ और सेल्फी पॉइंट होंगे. यात्रा के बाद सरयू आरती होगी, जिसमें प्रत्येक यात्री सक्रिय रूप से भाग ले सकेगा.

अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है, जैसा महान भारतीय महाकाव्य रामायण में वर्णित है. यह हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों (मोक्षदायिनी सप्त पुरी) में से पहला है. यूपी पर्यटन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में लगभग 2 करोड़ पर्यटक अयोध्या आये थे. राम मंदिर के निर्माण के के बाद, अनुमान है कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी.

‘रामायण क्रूज टूर’ न केवल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि यह क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा. पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय क्रूज सेवा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक अवसंरचना सहायता प्रदान करेगा.

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