Uttar Pradesh: धर्मान्तरण विरोधी कानून के तहत पुलिस ने 6 को पकड़ा
अतिरिक्त एसपी (एएसपी) संसार सिंह के अनुसार, उत्तराखंड निवासी एक गैर-मुस्लिम लड़के की मां ने पिछले महीने एक सड़क दुर्घटना में अपने पति को खो दिया था, जो पेशे से एक ट्रक चालक था. वह हाल ही में महफूज और उसके परिवार के साथ शाहबाद इलाके के बैरुआ गांव में रहने आई थी. महफूज की अभी तक शादी नहीं हुई है.
रामपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 12 साल से कम उम्र के दो नाबालिग (Minor) लड़कों का खतना समारोह गुप्त रूप से आयोजित कराए जाने के चलते एक मौलवी (Maulavi) और एक नाई समेत छह लोगों को गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध अध्यादेश (Love Jihad), 2020 के तहत हिरासत में लिया गया है. शनिवार की यह घटना रामपुर (Rampur) के शाहबाद इलाके की है. Uttar Pradesh: डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला की मौत
हिंदू जागरण मंच (एचजेएम) के सदस्यों को समारोह के बारे में जैसे ही पता चला, वे पुलिस के साथ ट्रक चालक महफूज के घर गए. उसके माता-पिता और नाई को गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें शामिल हुए अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.
अतिरिक्त एसपी (एएसपी) संसार सिंह के अनुसार, उत्तराखंड निवासी एक गैर-मुस्लिम लड़के की मां ने पिछले महीने एक सड़क दुर्घटना में अपने पति को खो दिया था, जो पेशे से एक ट्रक चालक था. वह हाल ही में महफूज और उसके परिवार के साथ शाहबाद इलाके के बैरुआ गांव में रहने आई थी. महफूज की अभी तक शादी नहीं हुई है.
महिला ने अपना नाम बदलकर गुलिस्तान रख लिया.
एएसपी ने आगे कहा, "इस मामले में हमने एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है क्योंकि लड़के नाबालिग हैं और उनका धर्म परिवर्तन कानून के खिलाफ था, इसलिए हमने घटना के बारे में पता चलने के बाद ही उसे संज्ञान में लिया."
उन्होंने आगे यह भी कहा, "हमने महफूज, उसके माता-पिता, समारोह का आयोजन कराने वाले उसके बहनोई, धर्मांतरण समारोह का संचालन करने वाले मौलवी और खतना करने वाले नाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है."
उन पर आईपीसी की धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) के साथ-साथ धर्म के गैरकानूनी रूपांतरण अधिनियम, 2020 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार धर्मांतरण की चाह रखने वाले व्यक्ति और धर्म परिवर्तन कराने वाले को प्रस्तावित धार्मिक रूपांतरण की अग्रिम घोषणा जिला मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है. इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट के आदेश से रूपांतरण के कारण, इरादा इत्यादि को लेकर पुलिस की जांच कराई जाती है. हालांकि इस मामले में ऐसे किसी भी मानदंड का पालन नहीं किया गया.