Nocturnal Curfew: भीड़भाड़ रोकने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की संभावना तलाशे उत्तर प्रदेश सरकार : उच्च न्यायालय
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की संभावना तलाशने को कहा, ताकि सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ रोकी जा सके.
प्रयागराज(उप्र), 7 अप्रैल : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने मंगलवार को राज्य सरकार से रात्रिकालीन कर्फ्यू (Nocturnal Curfew) लगाने की संभावना तलाशने को कहा, ताकि सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ रोकी जा सके. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया.
अदालत ने कहा, “हालांकि, राज्य सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन देखने में आया है कि राज्य द्वारा जारी निर्देशों का लोगों द्वारा ढंग से पालन नहीं किया जा रहा और यह चिंता का विषय है.” पीठ ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से लोगों का शत प्रतिशत मास्क पहनना सुनिश्चित करने को कहा.
अदालत ने कहा, “जिला प्रशासन को यह देखना चाहिए कि पूरे प्रदेश में किसी भी जगह भीड़ एकत्रित ना हो.” यह भी पढ़ें : Maharashtra: पुणे में कोरोना का संकट, पिछले 24 घंटे में 10,226 नए केस, 58 की गई जान
पंचायत चुनावों पर पीठ ने कहा कि चुनाव इस तरह से कराए जाएं कि कोई जुलूस ना निकले. अदालत ने कहा कि चाहे वह नामांकन हो, चुनाव प्रचार हो या मतदान हो, हर चरण में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए. अदालत ने कहा, “राज्य सरकार केवल 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए टीकाकरण की संभावना तलाशे. वास्तव में घर-घर टीकाकरण करने का कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए.”
इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को की जाएगी.