लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को अनुमति देने के अपने फैसले को बदल दिया है. योगी सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने उपयुक्त कोविड-19 प्रतिबंधों के साथ कांवर यात्रा को सांकेतिक तौर पर आयोजित करने का निर्णय लिया है. इससे पहले केंद्र सरकार ने हलफनामा में कोर्ट से कहा कि यूपी सरकार को कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उत्तराखंड में प्रवेश करने पर कांवड़ियों को 14 दिन पृथक-वास में भेजा जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया और सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराने के लिए कहा था. शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि यदि योगी सरकार ऐसा नहीं करती है तो कोर्ट आदेश जारी कर देगा.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया कि कोविड-19 के मद्देनज़र राज्य सरकारों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए. हालांकि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को टैंकरों के माध्यम से 'गंगा जल' उपलब्ध कराने चाहिए.
Supreme Court asks the Uttar Pradesh government to apprise the court about its decision on Monday, otherwise, it will pass an order
— ANI (@ANI) July 16, 2021
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि टैंकर चिन्हित/निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों ताकि आस-पास के भक्त 'गंगा जल' को इकट्ठा कर सकें और अपने नजदीकी शिव मंदिरों में 'अभिषेक' कर सकें. इस दौरान राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना नियमों का पालन किया जाए.
Uttar Pradesh govt tells SC that it has decided to hold "symbolic" Kanwar Yatra with appropriate COVID-19 restrictions
— Press Trust of India (@PTI_News) July 16, 2021
उल्लेखनीय है कि देश की शीर्ष कोर्ट ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के ‘‘चिंतित करने वाले’’ फैसले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और इस मामले पर अलग-अलग राजनीतिक मत होने के मद्देनजर केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से जवाब मांगा था.