4-Year-old Girl Raped In Hathras: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक और हैवानियत, 4 साल की बच्ची से रेप
हाथरस जिले (Hathrs District) के सासनी से दुष्कर्म का एक और मामला सामने आया है. चार साल की एक बच्ची अपने किसी रिश्तेदार के दुष्कर्म का शिकार हुई है. पुलिस का कहना है कि उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है. सर्कल ऑफिसर रुचि गुप्ता ने कहा कि यह घटना मंगलवार की है. बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर है.
लखनऊ: हाथरस जिले (Hathrs District) के सासनी से दुष्कर्म का एक और मामला सामने आया है. चार साल की एक बच्ची अपने किसी रिश्तेदार के दुष्कर्म का शिकार हुई है. पुलिस का कहना है कि उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है. सर्कल ऑफिसर रुचि गुप्ता ने कहा कि यह घटना मंगलवार की है. बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर है.
उन्होंने आगे कहा, "सासनी पुलिस स्टेशन को खबर मिली कि एक चार साल की बच्ची अपने ही दूर के रिश्ते के किसी भाई से दुष्कर्म का शिकार हुई है, जो भूतपुरा में उसी के पड़ोस में रहता है. वह आगे कहती हैं, "घटना की जानकारी मिलने के बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची. पीड़िता को परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया. हमने उस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जो पीड़िता के घर के पास रह रहा था. पीड़िता का परिवार मामले के बारे में बात करने को तैयार नहीं है. यह भी पढ़े: Gangrape in Gurgram: हाथरस के बाद गुरुग्राम में 25 वर्षीय युवती से हैवानियत, मारपीट के बाद गैंगरेप
अभी एक महीना पहले ही हाथरस में 19 साल की एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. लड़की को पहले अलीगढ़ के एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली ले जाया गया। कथित तौर पर पिटाई से लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की ने दम तोड़ दिया.
इस घटना को लेकर लोगों का इतना गुस्सा फूटा कि जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए, आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांगे उठनी लगी, जिससे इलाहाबाद हाइकोर्ट ने मामले को अपने संज्ञान में लिया। पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में रात में कर दिए जाने के चलते अदालत ने पुलिस और प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है.
अदालत ने कहा कि यह कृत्य लड़की के मानवाधिकारों का हनन है। साथ ही यह भी कहा कि पीड़िता को कम से कम इतना तो हक था कि उसका अंतिम संस्कार उसके धर्मानुसार रीति-रिवाजों से हो, जिसे अनिवार्य रूप से उसके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाना चाहिए था, पुलिस द्वारा नहीं. राज्य सरकार ने घटना की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है.