पीएम मोदी की कूटनीति का कमाल: राष्ट्रपति जो बाइडन बोले- COVID संकट में भारत ने की थी मदद, अब हमारी बारी; इन देशों ने भी बढ़ाया मदद का हाथ

भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1.69 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 1.92 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की मदद करने के लिए कई देश आगे आये है.

पीएम मोदी (Photo Credits: PIB)

वाशिंगटन: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1.69 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 1.92 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की मदद करने के लिए कई देश आगे आये है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने कहा कि मुश्किल समय में भारत ने हमारी मदद की थी और अब हम भी भारत की मदद करेंगे. जबकि कोरोना संकट पर भारत के साथ प्रतिबद्धता दिखाते हुए यूएई ने बुर्ज खलीफा को तिरंगे के रंग में रंगा.  गुरुवार को पड़ोसी देश चीन ने कहा कि वह भारत को मदद मुहैया कराने को तैयार है. चीन ने कोविड के प्रसार को रोकने में मदद करने और मेडिकल सप्लाई करने के लिए तैयार होने की बात कही.  कोरोना संकट के बीच भारत के मदद के लिए फ्रांस आया आगे, ऑक्सीजन के लिए करेगा मदद

व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन कोविड-19 महामारी से लड़ाई में भारत को आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के साथ ही कोविशील्ड टीके के भारतीय निर्माता को तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर दिन-रात काम कर रहा है.

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के बीच फोन पर हुई वार्ता के बाद अमेरिका की ओर से यह निर्णय लिया गया है. दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की वार्ता के बाद व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्ने ने कहा, '' जिस तरह भारत ने अमेरिका में उस समय सहायता भेजी थी, जब हमारे अस्पताल महामारी के शुरुआती दौर से जूझ रहे थे. इसी तरह अमेरिका भी जरूरत के इस समय में भारत की सहायता करने को प्रतिबद्ध है.''

भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का अनुरोध किया था. होर्ने ने कहा कि भारत के अग्रिम मोर्च के कर्मियों और कोविड-19 मरीजों की सहायता के मद्देनजर अमेरिका ने जांच किट, वेंटिलेटर और पीपीई किट के अलावा अन्य उपकरण भारत को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका तत्काल आधार पर ऑक्सीजन उत्पादन एवं संबंधित आपूर्ति भारत को उपलब्ध कराने के विकल्पों पर काम कर रहा है.

उधर, कनाडा के विदेश मंत्री मार्क गार्नेउ (Marc Garneau) ने कहा “हमारी सोच भारत के लोगों के साथ है क्योंकि वे महामारी की विनाशकारी नई लहर का सामना कर रहे हैं. कनाडा भारत की मदद करने के लिए तैयार है. कनाडा भारतीय अधिकारियों तक यह निर्धारित करने के लिए पहुंचा है कि जरूरत के इस समय में हम किस तरह भारत की मदद कर सकते हैं.”

वहीं, दुबई में मौजूद विश्व की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा पर भारत के लिए तिरंगे झंडे के साथ ‘स्टे स्ट्रोग इंडिया’ लिखा गया. यूएई में भारत के दूतावास ने ट्विटर पर लिखा है, ‘’भारत कोरोना वायरस के खिलाफ भीषण युद्ध लड़ रहा है, ऐसे में उसका मित्र यूएई अपनी शुभकामनाएं भेजता है.’’ ऑक्सीजन संकट से जल्द उबरने के लिए सऊदी अरब ने भारत के लिए 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजा है.

इससे पहले फ्रांस (French) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहे भारत को फ्रांस हर संभव मदद करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा "कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे भारतीय लोगों को एकजुटता का संदेश देना चाहता हूं. फ्रांस इस संघर्ष में आपके साथ है. यह वायरस किसी को भी नहीं बख्शता है. हम कोरोना से जंग के लिए भारत को सपोर्ट देने के लिए तैयार हैं."

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