उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने आदेश दिया है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खुली सभी खाने की दुकानों पर 'नामपट्ट' लगाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही 'हलाल' प्रमाणित उत्पादों को बेचने वालों के खिलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी.
यह निर्णय कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है. यूपी सीएमओ ने बताया कि इस कदम का मकसद यात्रियों को शुद्ध और स्वच्छ भोजन प्रदान करना है.
Lucknow | UP CM Yogi Adityanath took a step for Kanwar pilgrims. 'Nameplate' will have to be put on the food shops on the Kanwar routes across UP. The decision was taken to maintain the purity of the faith of Kanwar pilgrims. Action will also be taken against those selling…
— ANI (@ANI) July 19, 2024
योगी के इस फैसले पर भड़का विपक्ष
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश को स्पष्ट रूप से ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को “सामाजिक अपराध” करार दिया और अदालतों से मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा.
कांवड़ यात्रा के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में लाखों शिव भक्त कांवड़ लेकर चलते हैं. यह एक बड़ी धार्मिक यात्रा है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा और आस्था का ध्यान रखा जाता है. हालांकि, यह निर्णय कुछ लोगों के लिए विवाद का विषय बन सकता है. कुछ लोग इस कदम को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला मान सकते हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद सिर्फ़ कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा है.