उत्तर प्रदेश के हापुड़ की महिला दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है. पिछले महीने महिला ने अपने आपको जला लिया था. महिला 80 प्रतिशत जल चुकी है. अपने आपको जलाने का कारण पीड़िता ने मानव तस्करी, यौन शोषण और पुलिस की नाकामी को बताया है. खबरों के मुताबिक महिला को 20 साल की उम्र में उसके पति की मौत के बाद उसके पिता और चाची ने 10,000 रुपये में एक ऐसे व्यक्ति को बेच दिया, जिसने अपने दोस्तों के साथ उसके साथ बलात्कार किया. महिला का कथित 'खरीदार' पूरी तरह से कर्ज में डूबा हुआ था और उसने अपने लेनदारों को घरेलू मदद के रूप में महिला की सेवा बेची. जिन्होंने उसके साथ कई मौकों पर सामूहिक बलात्कार किया.
इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जब पीड़िता पुलिस के पास पहुंची तो उन्होंने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे गए एक पत्र में आरोप लगाया गया है कि हापुड़ एसपी सहित पुलिस अधिकारियों ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. पत्र में आगे दावा किया गया है कि, "यूपी पुलिस के इस असंवेदनशीलता और शर्मनाक व्यवहार ने पीड़िता को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया."
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अपनी जिंदगी से हताश होकर महिला ने 28 अप्रैल को खुद को आग के हवाले कर दिया. डीसीडब्ल्यू ने हापुड़ पुलिस से इस मामले में उनकी निष्क्रियता की जांच के साथ ही पीड़िता के लिए मुआवजे की मांग की है. आखिरकार हापुड़ पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है. एसएचओ बाबूगढ़ ने मीडिया को बताया कि, '"हमें कम से कम 14 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली है और इस मामले में जांच बिठाई गई है."