अजीब प्रेम! UP के कौशांबी में बकरे की मौत के बाद हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार, शवयात्रा भी निकाली गई

उत्तर प्रदेश के कौशंबी जिले में बकरे के मालिक के प्रति अजीब प्रेम देखी गई. यहां एक बकरे को आने औलाद की तरह पालने वाले मालिक ने जब उनके बकरे की बीमारी के चलते मौत हो गई तो उन्होंने उसका अंतिम संस्कार हिंदी रीती- रिवाज से किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  के कौशंबी जिले में बकरे के मालिक के प्रति अजीब प्रेम देखी गई. यहां एक बकरे (Goat) को आने औलाद की तरह पालने वाले मालिक ने जब  उनके बकरे की बीमारी के चलते मौत हो गई तो उन्होंने उसका अंतिम संस्कार हिंदी रीती- रिवाज से किया. यही तक नहीं अंतिम संस्कार से पहले बकरे का शव यात्रा भी निकाली. शव यात्रा के दौरान राम नाम सत्य के जयकारे भी लगाए गए. बकरे के शव यात्रा में परिवार वालों के साथ ही गांव के लोग भी शामिल हुए. बकरे के मालिक का कहना है कि उसके आत्मा शांति के लिए ब्राह्मण भोज का भी आयोजन किया जाएगा

दरअसल कौशंबी जिले के सिराथू तहसील क्षेत्र के सयारा मीठेपुर निहालपुर गांव के रहने वाले रामप्रकाश यादव (RamPrakash Yadav)  होमगार्ड (Home Guard) के पद पर तैनात हैं. उनकी तैनाती मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में है. उनके पास कोई औलाद नहीं होने पर उन्होंने एक एक बकरा पाल रखा था. बकरा घर में रहते-रहते काफी घुल मिल गया था. यह भी पढ़े: VIDEO: अपने बिछड़े मालिक को देखते ही दौड़ पड़ा कुत्ता, खुशी से रोती महिला ने कुछ यूं लगा लिया गले

रामप्रकाश यादव के अनुसार इसी हफ्ते  उनका बकरा बीमार पड़ गया. उसकी दवा भी चालू थी. लेकिन शुक्रवार की सुबह अचानक उसकी तबियात ज्यादा बिगड़ने पर उसकी की मौत हो गई.  बकरे की मौत के रामप्रकाश यादव के साथ ही उनकी पत्नी सदमे में आ गई. रामप्रकाश  रोते बिलखते हुए उन्होंने घर से दूर ना दफना कर बल्कि अपने निजी खेत में ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से अंतिम-संस्कार किया. इतना ही नहीं शुद्धिकरण के लिए उसने अपना सिर भी मुंडवा लिया और दाग भी दिया.

बकरे के मालिक रामप्रकाश के अनुसार उनके पास बच्चे नहीं है. ऐसे में उन्होंने उस बकरे को अपने औलाद की तरह पाला है. उन्होंने उसका नाम कल्लू रखा था. जिसे वह कल्लू ही कहकर बुलाते थे. राम प्रकाश के अनुसार उनके बकरे की उम्र करीब साढ़े पांच साल थी.

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