यूपी के उपमुख्यमंत्री ने बसपा की ब्राह्मण पॉलटिक्स को अवसरवाद बताया

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलनों को मिल रही उत्साहजनक प्रतिक्रिया पर खुशी जताई थी, जिसके एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के ब्राह्णों तक पहुंच बनाने की कोशिश पर निशाना साधा.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

लखनऊ, 29 जुलाई : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलनों को मिल रही उत्साहजनक प्रतिक्रिया पर खुशी जताई थी, जिसके एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के ब्राह्णों तक पहुंच बनाने की कोशिश पर निशाना साधा. मौर्य ने पार्टी या व्यक्ति का नाम लिए बिना कहा, "जो लोग केवल मंदिरों को देखकर मुंह फेर लेते थे और हिंदू धर्म का तिरस्कार करते थे, वे अब मंदिरों में जाकर हिंदू भक्त होने का दावा कर रहे हैं. आने वाले दिन बताएंगे कि इसका क्या होगा प्रभाव होगा."

मौर्य ने आगे कहा कि राज्य के लोग अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले 'ऐसी पार्टियों' द्वारा की गई गतिविधियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और कहा कि मतदाता उन्हें 2022 के अगले चुनाव में करारा जवाब देंगे. उन्होंने कहा, "भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' में विश्वास करती है, जबकि ये लोग राजनीतिक अवसरवादी हैं." यह भी पढ़ें : West Bengal: कलकत्ता विश्वविद्यालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पीएचडी डिग्री प्रदान की

पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलनों का नेतृत्व कर रहे बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा को प्रयागराज में गंगा आरती के दौरान एक कुर्सी पर बैठे देखा गया था. इसपर टिप्पणी करते हुए मौर्य ने कहा, "कभी-कभी, जब हम किसी धार्मिक स्थान पर जाते हैं और इस बारे में अनभिज्ञ होते हैं तो वहां के पुजारियों के निर्देशों के अनुसार कार्य करना बेहतर है. धार्मिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना एक धर्म का अपमान करने के बराबर है."

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