UP: अमरोहा अस्पताल में डायलिसिस के दौरान बिजली जाने से 40 वर्षीय किडनी रोगी की मौत

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ प्रेमा पंत त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि 40 वर्षीय किडनी रोगी मोहम्मद आमिर की डायलिसिस के दौरान अचानक बिजली गुल हो जाने के कारण अमरोहा के एक जिला अस्पताल में मौत हो गई. अमरोहा निवासी आमिर बुधवार सुबह करीब साढ़े छह बजे डायलिसिस के लिए अस्पताल पहुंचे लेकिन जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप हो जाने से इलाज बाधित हो गया...

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

बिजनौर, 22 अक्टूबर: मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ प्रेमा पंत त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि 40 वर्षीय किडनी रोगी मोहम्मद आमिर की डायलिसिस के दौरान अचानक बिजली गुल हो जाने के कारण अमरोहा के एक जिला अस्पताल में मौत हो गई. अमरोहा निवासी आमिर बुधवार सुबह करीब साढ़े छह बजे डायलिसिस के लिए अस्पताल पहुंचे लेकिन जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप हो जाने से इलाज बाधित हो गया. उन्हें डायलिसिस यूनिट के बाहर बैठाकर घंटों बिजली का इंतजार करना पड़ा. उनके परिवार के अनुसार, वह बिना इलाज के दोपहर करीब घर लौट आए और घर पहुंचते ही उनकी हालत बिगड़ गई. उन्हें तुरंत मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. हालांकि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. यह भी पढ़ें: Rewa Bus Accident: रीवा में बस पलटने से 14 लोगों की मौत, दिवाली मनाने घर जा रहे थे UP के सभी यात्री

त्रिपाठी ने कहा, "बिजली आपूर्ति में व्यवधान था जिसके कारण डायलिसिस यूनिट को पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई थी. नतीजतन, डायलिसिस नहीं हो सका. अस्पताल में जनरेटर थे जो काम कर रहे थे लेकिन मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी. उसे भी लकवा मार गया था."सीएमएस ने कहा: "हमें उसे एक उच्च चिकित्सा केंद्र में रेफर करना पड़ा. उसका परिवार उसे मुरादाबाद ले जा रहा था और अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई."

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "अस्पताल का डायलिसिस यूनिट आमतौर पर एक प्राइवेट कंपनी द्वारा चलाई जाती है. उन्हें बिजली और पानी की सुविधा की व्यवस्था करनी थी. तकनीकी खराबी के कारण बुधवार को बिजली गुल हो गई थी. इसलिए, डायलिसिस नहीं किया जा रहा था. गुरुवार तक बिजली आपूर्ति बाधित रही."

एक स्थानीय निवासी, जो परिवार को जानता है, ने कहा, "आमिर एक किराने की दुकान चलाता था. वह छह साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित था. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए उसे बहुत सी चीजें बेचनी पड़ीं, और कर्ज में था. इसलिए, उन्हें इसके बजाय जिला अस्पताल जाना पड़ा. लेकिन, वहां चिकित्सा सुविधाएं खराब थीं. वे डायलिसिस भी नहीं करवा सके.

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