उन्नाव केस: पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉ प्रशांत उपाध्याय की संदिग्ध हालात में मौत
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में चर्चित विधायक कुलदीप सेंगर केस (Unnao rape case) में रेप पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय (Doctor Prashant Upadhyay) की संदिग्ध परिस्थितियों में फतेहपुर में मौत हो गई है. डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय फतेहपुर में तैनात थे. दरअसल डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय वही डॉक्टर हैं जिन्होंने पीड़िता के पिता को मारपीट के बाद जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनका प्राथमिक उपचार किया था. इलाज के बाद उन्होंने पीड़िता के पिता को रिलीव कर दिया था. वहीं जेल में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी. जिसके बाद मामले को लेकर विवाद गरमाया और इसकी सीबीआई जांच शुरू हुई तो डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय सस्पेंड कर दिया गया था. कुछ दिनों पहले ही उनकी फिर से बहाली हुई थी.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में चर्चित विधायक कुलदीप सेंगर केस (Unnao rape case) में रेप पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय (Doctor Prashant Upadhyay) की संदिग्ध परिस्थितियों में फतेहपुर में मौत हो गई है. डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय फतेहपुर में तैनात थे. दरअसल डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय वही डॉक्टर हैं जिन्होंने पीड़िता के पिता को मारपीट के बाद जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनका प्राथमिक उपचार किया था. इलाज के बाद उन्होंने पीड़िता के पिता को रिलीव कर दिया था. वहीं जेल में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी. जिसके बाद मामले को लेकर विवाद गरमाया और इसकी सीबीआई जांच शुरू हुई तो डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय सस्पेंड कर दिया गया था. कुछ दिनों पहले ही उनकी फिर से बहाली हुई थी.
इस मामले में डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय सीबीआई ने उन्हें अपना गवाह भी बनाया था. खबरों के मुताबिक डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय सोमवार सुबह लगभग 11:00 बजे संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई. प्रशांत जिला अस्पताल ब्लड बैंक में तैनात में कार्यरत थे. रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय डाईबटीज से पीड़ित थे. फिलहाल उनके शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. यह भी पढ़ें:- उन्नाव पीड़िता के परिवार से मिलीं प्रियंका गांधी, कहा- सुना है दोषियों का है BJP कनेक्शन
गौरतलब हो कि दिल्ली की अदालत ने उन्नाव बलात्कार मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में महिला से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाते हुए को कहा था कि दोषी विधायक को बाकी बची उम्र आखिरी सांस तक जेल में काटनी होगी. अदालत ने इसे एक लोकतांत्रिक पदाधिकारी का दुष्टतापूर्ण कृत्य करार दिया था.अदालत ने सख्त संदेश देते हुए दोषी को उम्रकैद की अधिकतम सजा सुनाने का फैसला किया और कहा कि दोषी अपनी स्वाभाविक उम्र की आखिरी सांस तक जेल में रहेगा.