नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को लेकर बड़ा बयान दिया है. रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचाने की कोशिश कांग्रेस ने की है. उन्होंने कहा कि नीरव मोदी से संबंधित मामले कांग्रेस के शासन में हुए थे. ये अधिकांश सब यूपीए-1 और यूपीए-2 में हुआ था. श्रीमान राहुल गांधी जी ने 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के एक कार्यक्रम में भी शिरकत की थी. उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस अभय थिप्से भी नीरव मोदी के समर्थन में आ गए हैं. अभय थिप्से ने लंदन की अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव के पक्ष में बुधवार को गवाही दी थी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्होने नीरव मोदी के डिफेंस विटनेस के रूप में ये स्टैंड लिया है कि नीरव मोदी के खिलाफ कोई केस नहीं है. उनको बचाने की पूरी कोशिश की गई है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मुंबई हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हैं. इन्हें प्रशासनिक कार्यों के लिए रिटायमेंट के 10 महीने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया था. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्होंने 13 जून 2018 को कांग्रेस की सदस्यता ली थी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रिटायर्ड जज कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं और नीरव मोदी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
ट्वीट:-
कांग्रेस ने हर प्रकार से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचाने की कोशिश की।
अब जब वो गिरफ्तार हो गए हैं, तो कांग्रेस से जुड़े एक रिटायर्ड जज उनको बचाने की कोशिश में लगे हैं: श्री @rsprasad pic.twitter.com/5PoES6h3i1
— BJP (@BJP4India) May 14, 2020
दूसरा ट्वीट:-
नीरव मोदी से संबंधित मामले कांग्रेस के शासन के हैं। ये अधिकांश सब यूपीए-1 और यूपीए-2 में हुआ था। श्रीमान राहुल गांधी जी ने 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के एक कार्यक्रम में भी शिरकत की थी: श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) May 14, 2020
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ट्वीट कर कहा कि यहाँ भारत में राहुल गांधी नीरव मोदी को ले,सरकार से सवाल पूछते है. दूसरी तरफ़ राहुल के ख़ास एवं Congress के Abhay Tipsay (पूर्व judge) नीरव मोदी के पक्ष में गवाह बनते है. आख़िर ऐसा क्या है जो राहुल नहीं चाहते नीरव भारत आए? उस रात पार्टी में राहुल और नीरव में क्या लेन देन हुई थी.
गौरतलब हो कि नीरव मोदी 2018 में घोटाले के सामने आने से कुछ महीने पहले ही भारत से फरार हो गया था. इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसियों के आग्रह पर जुलाई 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.