जम्मू-कश्मीर में आया बदलाव, आतंकियों की भर्ती और पत्थरबाजी घटी: राजनाथ सिंह

सेना द्वारा जम्मू और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाएं जा रहे अभियान का असर दिखाई देने लगा है. इसी का नतीजा है कि घाटी में अमन-शांति की बहाली हो रही है. इस बात की जानकारी खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दी.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credits: PTI)

श्रीनगर: सेना द्वारा जम्मू और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाएं जा रहे अभियान का असर दिखाई देने लगा है. इसी का नतीजा है कि घाटी में धीरे धीरे अमन-शांति की बहाली हो रही है. जिसे जानकर  पाकिस्तान तिलमिला उठेगा. यह गुड न्यूज़ खुद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दी है.

गृह मंत्री ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा कि पिछले चार से पांच महीनों में काफी बदलाव आया है. पथराव की घटनाओं में कमी आई है और आतंकवदियों की भर्ती में भी कमी आई है. उन्होंने यहां विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की.

इस दौरान सभी पार्टियों से जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायत चुनाव में भाग ले़ने की अपील की है. उन्होंने प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव सफलतापूर्वक कराने के लिए राज्य को बधाई दी और कहा कि प्रदेश में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव कराना ऐतिहासिक कदम है.

सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बड़ी से बड़ी समस्याओं का सामना किया जा सकता है और मसलों को लोकतांत्रिक तरीकों से हल किया जा सकता है. जम्मू कश्मीर की अनेक समस्याओं को भी लोकतंत्र के जरिए हल किया जा सकता है. मैं प्रदेश की जनता से लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेने की अपील करता हूं.’’

उन्होंने कहा कि जो लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते वे लोगों के हिमायती कभी नहीं हो सकते. नेशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने हाल ही में प्रदेश में हुए शहरी निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था. भारत से दोस्ती बढ़ाने पर बोले Pak पीएम इमरान खान, कहा- 2019 चुनाव के बाद फिर से दोस्ती का बढ़ाऊंगा हाथ

इसके अलावा पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि केन्द्र पाकिस्तान सहित किसी से भी बातचीत करने को तैयार है लेकिन आतंक और बातचीत कभी एक साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा कि जहां तक वार्ता की बात है तो सरकार को किसी से भी बातचीत करने में समस्या नहीं है.

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन हमारी ओर से एक शर्त है. कम से कम उन्हें यह भी देखना चाहिए कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद प्रायोजित कर रहा है साथ ही आतंकवाद को बढ़ावा भी दे रहा है. हमें आश्वासन दीजिए कि पाकिस्तान की ओर से ऐसे कोई प्रयास नहीं होंगे. आतंक और वार्ता कभी एक साथ नहीं चल सकते.’’

सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री सभी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए वहां गए और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, उनके परिवार से मुलाकात की. उन्होंने क्यों मुलाकात की? हमारे संबंध पड़ोसी जैसे होने चाहिए लेकिन उनकी तरफ से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए.’’

गौरतलब हो कि सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर झूठे आंसू बहाते हुए दोबारा बातचीत का मुद्दा उठाया था. इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि, भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा आईओके में निर्दोष कश्मीरियों की हत्या की घटना की निंदा करते हैं. अब वो समय आ गया है जब भारत को संयुक्त राष्ट्र के रेसोल्यूशन्स और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार कश्मीर के मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए.

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