Union Cabinet Approves Mission Karmayogi: मोदी सरकार ने मिशन कर्मयोगी योजना को दी मंजूरी, जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल भी पास

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को 'कर्मयोगी' मिशन को मंजूरी मिल गई. इस 'कर्मयोगी' मिशन (Mission Karmayogi) की तहत सिविल सर्विस अधिकारीयों (Civil Service Officers) को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा. इसका नाम 'कर्मयोगी योजना' है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा. उन्होंने कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कार्यक्रम चलेगा जिसका नाम कर्मयोगी योजना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को 'कर्मयोगी' मिशन को मंजूरी मिल गई. इस 'कर्मयोगी' मिशन (Mission Karmayogi) की तहत सिविल सर्विस अधिकारीयों (Civil Service Officers) को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा. इसका नाम 'कर्मयोगी योजना' है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा. उन्होंने कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कार्यक्रम चलेगा जिसका नाम कर्मयोगी योजना है.

वहीं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली ने बताया कि एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए. सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग सी. चंद्रमौली ने कहा कि मिशन कर्मयोगी ने कहा कि सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है.

ANI का ट्वीट:- 

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इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम मोदी की कैबिनेट के बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला हुआ है. इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य से इसकी काफी दिनों से मांग थी, जिसे अब पूरा किया गया है.

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