Union Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी बजट, जानें इस बार टीम में कौन से चेहरे हैं शामिल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का देश का आम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री सुबह 11 बजे संसद के पटल पर बजट रखेंगी। बताना चाहेंगे कि पिछली बार की तरह इस बार भी बजट दस्तावेज ज्यादातर डिजिटल रूप में ही उपलब्ध होंगे। हालांकि, भौतिक रूप से इसकी कुछ प्रतियां उपलब्ध रहेंगी
Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का देश का आम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री सुबह 11 बजे संसद के पटल पर बजट रखेंगी. बताना चाहेंगे कि पिछली बार की तरह इस बार भी बजट दस्तावेज ज्यादातर डिजिटल रूप में ही उपलब्ध होंगे. हालांकि, भौतिक रूप से इसकी कुछ प्रतियां उपलब्ध रहेंगी. कोरोना महामारी से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को इस आम बजट से नई राह मिलेगी, साथ ही देशवासियों की उम्मीदों भरी निगाहें भी बजट पर टिकी हुई हैं. वित्त मंत्री के साथ उनकी महारथी टीम आम से खास आदमी को ध्यान में रखकर बजट को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. आज हम आपको बता रहे हैं बजट टीम में शामिल खास चेहरों के बारे में. यह भी पढ़े: Union Budget 2022-23: 1 फरवरी, 2022 को होगा पेश, यहां से करें मोबाइल पर डाउनलोड
देश के बजट की तैयारियों में जुटे हैं ये खास लोग:
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण
देश का आम बजट पेश करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरी तैयारी कर ली है। याद हो, बीते साल का बजट भी कोरोना के साये में पेश किया गया था और अब इस बार का बजट भी कोविड-19 के नए वेरिएंट के बीच पेश किया जाएगा। इन परिस्थितियों को देखते हुए यह बजट और ज्यादा अहम रहने वाला है। वित्त मंत्री सीतारमण कोविड महामारी और आर्थिक सुस्ती के दौरान आर्थिक प्रतिक्रिया देने के लिए सरकार के मुख्य चेहरे के रूप में सामने आई हैं।
टी.वी. सोमनाथन
वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी टी.वी. सोमनाथन इस बजट टीम का प्रमुख चेहरा हैं। वे बजट में बड़ी जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। सोमनाथन के जिम्मे बजट में खर्च को अंकुश में रखने की बड़ी चुनौती है। दरअसल, परंपरा के मुताबिक वित्त मंत्रालय के पांच सचिवों में से सबसे वरिष्ठ अधिकारी को वित्त सचिव नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में यह जिम्मेदारी सोमनाथन संभाल रहे हैं। सोमनाथन तमिलनाडु कैडर के 1987 के आईएएस अधिकारी हैं। अब देखना है कि वे इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय की गणना किस प्रकार करते हैं। सोमनाथन ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है.
देबाशीष पांडा
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव पद पर कार्यरत देबाशीष पांडा सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए पांडा को टीम का सबसे अहम हिस्सा माना जा सकता है। बजट में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े छोटे-बड़े सभी ऐलान उनकी जिम्मेदारी के तहत ही आते हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी पांडा पर वित्तीय सिस्टम की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम करने की भी जिम्मेदारी है.
तरुण बजाज
वहीं तरुण बजाज वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव हैं। बजाज हरियाणा कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी है। यहां काम करने के दौरान उन्होंने देश के लिए कई राहत पैकेज पर काम किया है। बजाज की कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल पैकेजों को सुविधाजनक बनाने में अहम भूमिका रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन आत्मनिर्भर भारत पैकेज को आकार देने में तरुण बजाज की भूमिका बेहद अहम रही है. वित्त मंत्रालय में पदस्थ होने से पहले बजाज प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं.
तुहिन कांत पांडे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट टीम में निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे का नाम भी शामिल है। वह ओडिशा कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें अक्टूबर 2019 में डीआईपीएएम का सचिव नियुक्त किया गया था। हालांकि, इस साल सरकार अपने विनिवेश लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाई है, इसलिए भी इनके विभाग पर सभी की नजरें टिकी होंगी। पांडे ने एयर इंडिया के विनिवेश में अहम भूमिका निभाई है। इस साल के बजट के बाद कई और परियोजनाएं हैं, जिनमें एलआईसी आईपीओ एक प्रमुख विनिवेश लक्ष्य है।
अजय सेठ
वित्त मंत्रालय में सबसे नया सदस्य होने के बावजूद आर्थिक मामलों के सचिव के पद पर तैनात अजय सेठ पर सभी की निगाहें होंगी। ये निर्मला सीतारमण के सभी बजट भाषणों का मसौदा तैयार करने के प्रभारी हैं। उनका विभाग पूंजी बाजार, निवेश और बुनियादी ढांचे से संबंधित नीतियों का मुख्य विभाग भी है। इनके ऊपर आय उत्पन्न करने और रोजगार सृजित करने के लिए बड़ी परियोजनाओं पर बड़ी राशि आवंटित करने की अपेक्षा है। सेठ कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सेठ के पास भारत की जीडीपी ग्रोथ को बरकरार रखने के साथ अर्थव्यवस्था में प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर को रिवाइव करने का मुश्किल काम है.