UCC Explainer: क्या है कॉमन स‍िविल कोड, जिसे ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल करना चाहती है BJP, आखिऱ क्यों हो रहा इसका विरोध

समान नागरिक संहिता आने के बाद सभी पर एक ही कानून होगा. अब सवाल है कि अगर कॉमन स‍िव‍िल कोड लागू हो गया तो पर्सनल कानूनों में किस तरह के बदलाव होंगे?

(Photo Credit : Twitter)

Uniform Civil Code Explain in Hindi: भाजपा समान नागरिक संहिता की मुखर समर्थक रही है. बीजेपी के मुख्‍य तीन एजेंडा रहे हैं. इनमें पहला जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 को हटाना था. दूसरा, अयोध्‍या में राममंदिर का निर्माण और तीसरा पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू कराना है. पहले दो एजेंडा पर काम खत्‍म करने के बाद अब बीजेपी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने पर जोर दे रही है. 2024 के चुनाव से पहले एक बार फिर यह चर्चा में है. UCC के मुद्दे पर 15 जून से ही 22वें लॉ कमीशन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऑनलाइन आम लोगों की राय मांगी जा रही है. वहीं प्रधानमंत्री के यूसीसी पर दिए बयान ने इसे और हवा दे दी है.

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर क्या बोले पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की. पीएम ने कहा, 'आजकल समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काया जा रहा है. एक देश में 2 कानून कैसे चल सकते हैं.' उनके बयान से ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू कर सकती है. ये भी पढ़ें- Uniform Civil Code: विहिप ने समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन किया

 

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) क्या है

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम. इसके तहत सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे. संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है. अनुच्छेद-44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है. भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है.

पर्सनल लॉ 

भारत में आज भी ज्यादातर धर्म के लोग शादी, तलाक़ और जमीन जायदाद विवाद जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक करते हैं. मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय के अपने पर्सनल लॉ हैं. जबकि हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं. अभी हिंदू बिना तलाक के दूसरे शादी नहीं कर सकते, जबकि मुस्लिमों को तीन शादी करने की इजाजत है. समान नागरिक संहिता आने के बाद सभी पर एक ही कानून होगा, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या मजहब का ही क्यों न हो. अब सवाल है कि अगर कॉमन स‍िव‍िल कोड लागू हो गया तो पर्सनल कानूनों में किस तरह के बदलाव होंगे?

UCC के लागू होने से क्या बदलाव आएगा?

यूसीसी लागू करने में क्या है चुनौती 

भारत जैसे विविधता वाले देश में इसको लागू करना इतना आसान नहीं है. देश का संविधान सभी को अपने-अपने धर्म के मुताबिक जीने की पूरी आजादी देता है. संविधान के अनुच्छेद-25 में कहा गया है कि कोई भी अपने हिसाब धर्म मानने और उसके प्रचार की स्वतंत्रता रखता है.

UCC के विरोध की वजह क्या है?

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि UCC मुसलमानों पर हिंदू धर्म थोपने जैसा है. अगर इसे लागू कर दिया जाए तो मुसलमानों को तीन शादियों का अधिकार नहीं रहेगा. शरीयत के हिसाब से जायदाद का बंटवारा नहीं होगा.

विरोध में दिए जा रहे तर्क

इस राज्‍य में पहले से लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड 

समान नागरिक संहिता गोवा में पहले से ही लागू है. संविधान में गोवा को विशेष राज्‍य का दर्जा दिया गया है. गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागू करने का अधिकार भी मिला हुआ है. राज्‍य में सभी धर्म और जातियों के लिए फैमिली लॉ लागू है. यहां कोई भी ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता. रजिस्‍ट्रेशन कराए बिना शादी कानूनी तौर पर मान्‍य नहीं होगी.

समान नागरिक संहिता पर सुप्रीम कोर्ट का रुख

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि देश में पर्सनल की वजह से कई बार भ्रम के हालात बनते हैं. ऐसी परिस्थितियों से निपटने में समान नागरिक संहिता या काॅमन सिविल कोड मदद कर सकता है. कोर्ट ने कहा था कि 'अगर सरकार इसे लागू करना चाहती है तो उसे कर देना चाहिए.'

UUC पर नेताओं के बयान

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने UCC के मुद्दे को लेकर कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक, यूनिफॉर्म सिविल कोड और पसमांदा मुसलमानों पर कुछ टिप्पणी की है. लगता है मोदी जी ओबामा की नसीहत को ठीक से समझ नहीं पाए हैं. प्रधानमंत्री को यह समझने की जरूरत है कि आर्टिकल 29 एक मौलिक अधिकार है. संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात है. इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, हिंदुओं में जन्म-जन्म का साथ है. क्या आप सबको मिला देंगे? भारत की विविधता को वे एक समस्या समझते हैं.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा - पीएम मोदी को पहले देश में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा के बारे में जवाब देना चाहिए. UCC पर उनका बयान इन मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है.

छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा कि BJP हमेशा हिंदू-मुस्लिम दृष्टिकोण से क्यों सोचती है? छत्तीसगढ़ में आदिवासी हैं. उनकी रूढ़ियों और उनके नियमों का क्या होगा, जिनके माध्यम से उनका समाज संचालित होता है. अगर UCC लागू हुआ तो उनकी परंपरा का क्या होगा?'

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