अबू धाबी: मूल रूप से भारत (India) के केरल (Kerala) और अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहने वाले दो आयुर्वेद डॉक्टरों (Ayurveda Doctor) को खाड़ी देश का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा (Golden Visa) मिला है. गोल्डन वीजा विदेशियों को राष्ट्रीय स्पॉन्सर की आवश्यकता के बिना देश में रहने, काम करने और अध्ययन करने और संयुक्त अरब अमीरात में उनके व्यवसाय के 100 प्रतिशत स्वामित्व के साथ रहने की अनुमति देता है. Kerala: लॉकडाउन की पाबंदियों में सीमित ढील दी गई, सार्वजनिक यातायात शुरू
वे पांच या 10 साल के लिए जारी किए जाते हैं और स्वचालित रूप से नवीनीकृत हो जाते हैं. श्याम विश्वनाथन पिल्लई और जसना जमाल दोनों को यूएई के फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप (ICA) द्वारा गोल्डन वीजा दिया गया था. खलीज टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अबू धाबी में बुर्जील डे सर्जरी सेंटर में वैद्यशाला के सीईओ विश्वनाथन ने 17 जून को चिकित्सा पेशेवरों और डॉक्टरों की श्रेणी के तहत इसे हासिल किया गया.
कोल्लम के श्याम ने समाचार पत्र को बताया, "आयुर्वेद और आयुर्वेद चिकित्सकों को इस तरह के समर्थन के लिए यूएई के शासकों और नीति निमार्ताओं के प्रति धन्यवाद."
उन्होंने कहा, "मैं वास्तव में संयुक्त अरब अमीरात के निवासियों की भलाई के लिए आयुर्वेद को एकीकृत करने और साथ ही आयुर्वेद अभ्यास के गुणवत्ता वितरण को सुनिश्चित करने के लिए मजबूत उपायों को बनाए रखने के उनके ष्टिकोण की सराहना करता हूं."
श्याम 2002 में दुबई आये थे. दुबई के अल ममजार निवासी त्रिशूर के जमाल को 24 जून को गोल्डन वीजा दिया गया था. वह शादी के तुरंत बाद 12 साल पहले यूएई चली गई थीं. आयुर्वेद में 16 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, जमाल ने अल ममजार में अपना आयुर्वेद क्लिनिक स्थापित किया.