सरकार की चेतावनी के बाद ट्विटर ने 90 प्रतिशत से अधिक अकाउंट पर लगाई रोक
Twitter (ट्विटर) (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 12 फरवरी: ट्विटर और भारत सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने आखिरकार आईटी मंत्रालय द्वारा निर्देशित कम से कम 90 से 95 प्रतिशत अकाउंट्स पर या तो रोक लगा दी है या इन्हें बंद कर दिया गया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने दो अलग-अलग नोटिस जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को चेताया था, जिसके बाद उसने यह कार्रवाई की है. सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को आईएएनएस से इसकी पुष्टि की. जिनके अकाउंट्स पर रोक लगाई गई है, उनमें राज्यसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता सुखराम सिंह यादव के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के कई राजनेता शामिल हैं.

अब भारत में ट्विटर का उपयोग करने वाले यूजर्स अगर सुखराम के ट्विटर अकाउंट पर जाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्होंने एक संदेश मिल रहा है, जिसमें लिखा है, "कानूनी मांग के जवाब में भारत में सांसद सुखराम के अकाउंट पर रोक लगा दी गई है." हालांकि, इस अकाउंट को देश के बाहर से एक्सेस किया जा सकता है. आईटी मंत्रालय द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर लगभग 1,435 अकाउंट्स को अवरुद्ध करने के लिए जारी किए गए नोटिसों के बावजूद निर्देशों का पालन नहीं करने पर कंपनी को चेतावनी जारी की थी.

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मंत्रालय ने ट्विटर को स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर भारत में उसकी कार्यप्रणाली कानूनों के अनुसार नहीं रहती है तो उसे दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार, ट्विटर ने आईटी मंत्रालय के आदेशों का अनुपालन किया है और जिन अकाउंट्स पर संदेह जाहिर किया था, उन पर कार्रवाई की गई है. सूत्रों के अनुसार, जिन खातों पर रोक लगाई गई है या उन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, वह आम आदमी पार्टी के नेता आनंद सिंह, आदिल खान आईएनसी, अंजना ओम मोदी, भारती किसान यूनियन (एकता) (उग्राहन) आदि शामिल हैं.

दरअसल ये वह अकाउंट्स है, जो राजनीतिक हस्तियों, मीडियाकर्मी और अन्य हस्तियों एवं संगठनों के नाम पर चल रहे थे. भारत ने दो अलग-अलग नोटिसों में 1,435 अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. विचाराधीन अकाउंट्स का विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. ट्विटर ने इस कार्रवाई से पहले और सरकार की ओर से चेताए जाने के बाद कहा था कि उसे विश्वास नहीं है कि आईटी मंत्रालय ने जो कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, वह भारतीय कानून के अनुरूप है. केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा, "बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन अनुच्छेद 19 ए कहता है कि यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है."