Tripura: विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन जबरदस्त हंगामा, पांच विपक्षी विधायक सस्पेंड (Watch Video)
त्रिपुरा में विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए शुक्रवार को पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया. इन विधायकों को सदन में हंगामा करने पर सस्पेंड किया गया.
अगरतला: त्रिपुरा में विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए शुक्रवार को पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया. इन विधायकों को सदन में हंगामा करने पर सस्पेंड किया गया. सदन के स्पीकर विश्वाबंध सेन ने सीपीआई (एम) विधायक नयन सरकार, कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन और तीन टिपरा मोथा विधायक को सदन में अशांति फैलाने के लिए एक दिन के लिए निलंबित किया है. टिपरा मोथा के तीन निलंबित विधायकों में बृस्वकेतु देबबर्मा, नंदिता रियांग और रंजीत देबबर्मा का नाम शामिल है. विपक्षी दलों ने स्पीकर के इस फैसले का विरोध करते हुए सदन से बाहर चले गए. त्रिपुरा रथ हादसे में एक और घायल की मौत, मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हुई.
विधानसभा में हंगामे की शुरुआत उस समय हुई, जब विपक्षी दलों ने बजट भाषण के दौरान बीजेपी विधायक जादब लाल नाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी. बीजेपी विधायक सदन के पिछले सत्र में आपत्तिजनक वीडियो देखते हुए दिखे थे.
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विपक्ष कर रहा है एक्शन की मांग
सदन में अश्लील वीडियो देखने के मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष अनिमेष देबबरमा ने विधानसभा अध्यक्ष से सवाल पूछा कि आपत्तिजनक वीडियो देखने वाले बीजेपी विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. जब स्पीकर ने किसी तरह की कार्रवाई से इनकार किया तो विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री माणिक साहा ने स्पीकर विश्वबंधु सेन से हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने वित्त मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय के बजट भाषण के दौरान हंगामे को गंभीर बताया. हंगामे के चलते वित्त मंत्री का भाषण रूका रहा.
बीजेपी नेता ने दी थी सफाई
बीजेपी विधायक जादब लाल नाथ ने अपनी सफाई में कहा, ''मुझे अच्छी तरह पता है कि सदन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है. मेरे फोन पर बार-बार कॉल आ रही थी. मैंने कॉल ले ली और फिर मेरे फोन पर अश्लील वीडियो आने लगे. खैर, तब मैंने इसे बंद कर दिया.''
टिपरा मोथा पार्टी के सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा लगातार इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है और कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि यह सभी राजनेताओं के लिए एक सबक बने. हमें एक राज्य के रूप में शर्मिंदा किया गया है और यह राज्य की खराब तस्वीर पेश करता है.