नई दिल्ली/अगरतला, 28 जनवरी : त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को एक बड़ी बढ़त मिल सकती है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के विधायक मोबोशर अली और तृणमूल कांग्रेस नेता सुबल भौमिक शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में भगवा पार्टी में शामिल हो गए. भाजपा सूत्रों ने यह भी कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिलाल मिया और कुछ अन्य नेताओं के भी भगवा पार्टी में शामिल होने की संभावना है. हालांकि, मिया ने भाजपा में शामिल होने की संभावना से इनकार किया. अली 2018 में उत्तरी त्रिपुरा में कैलासहर निर्वाचन क्षेत्र से त्रिपुरा विधानसभा के लिए चुने गए थे, जबकि मिया ने 1988 और 1998 में दो बार पश्चिमी त्रिपुरा में बॉक्सानगर सीट जीती थी. अली और मिया दोनों ही अपनी-अपनी पार्टियों के वरिष्ठ नेता हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने सुबल भौमिक को पिछले साल 24 अगस्त को त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था, लेकिन वह पार्टी में थे. कांग्रेस के पूर्व विधायक भौमिक जुलाई 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. वह 2019 में भाजपा से कांग्रेस में चले गए थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने कहा, "पार्टी कुछ अन्य माकपा और कांग्रेस नेताओं के साथ पार्टी में शामिल होने के लिए बातचीत कर रही है." उन्होंने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "भाजपा अली और मिया दोनों को आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामित कर सकती है." यह भी पढ़ें : PM Modi Rajasthan Visit: पीएम मोदी आज भीलवाड़ा में रैली को करेंगे संबोधित, गुर्जर मतदाताओं को साधने की है कोशिश
संपर्क करने पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मिया ने आईएएनएस से कहा, "इस समय, मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रही हूं. चूंकि मैं राजनीति में हूं, इसलिए किसी भी पार्टी के नेता अपने प्रस्तावों के बारे में मुझसे बात कर सकते हैं." उन सवालों के बारे में जिनके बारे में नेताओं और पार्टियों ने उनसे बात की, मिया ने कहा : "फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं." माकपा के नेतृत्व वाले पांच वामपंथी दलों ने बुधवार को अपने 47 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें 13 सीटें उनकी नई सहयोगी कांग्रेस के लिए छोड़ दी गईं, जबकि अली सहित 8 मौजूदा विधायकों को छोड़ दिया गया. कैलाशहर विधानसभा क्षेत्र, जहां से अली 2018 के विधानसभा चुनावों में चुने गए थे, कांग्रेस को आवंटित किया गया था.
चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार, पार्टी के दिग्गज और पूर्व मंत्री बादल चौधरी, तीन और पूर्व मंत्रियों - तपन चक्रवर्ती, साहिद चौधरी, भानुलाल साहा को भी स्वास्थ्य के आधार पर हटा दिया गया था. कांग्रेस नेता खुद को कम सीटों के बंटवारे को लेकर खासे नाराज नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता और पार्टी के इकलौते विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने निराश होते हुए कहा कि उन्होंने पहले 27 सीटों की मांग की थी और फिर वामपंथी दलों से 23 सीटों की मांग की थी. रॉय बर्मन ने आईएएनएस से कहा, "उन्होंने (वाम दलों ने) अपनी सनक और कल्पना के अनुसार फैसला लिया है, हम लोगों की इच्छा के अनुसार जाएंगे."