दीवाली से पहले कानपुर में सबसे बड़ी चोरी, 100 किलो सोना और 500 किलो चांदी गायब, पुलिस जांच में जुटी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- Facebook)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर से चोरी का एक बहुत बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक बंद पड़े ज्वेलरी के शोरूम से 100 किलो सोना, 500 किलो चांदी और भारी मात्रा में हीरे चोरी होने की खबर मिली है. शोरूम के पार्टनर ने अपने चाचा और कर्मचारियों पर चोरी का आरोप लगाते हुए कानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली है. यह चोरी बिरहाना रोड स्थित लाला जुगल किशोर ज्वैलर्स के बंद शोरूम से हुई है. शोरूम से करोड़ों रुपये की कीमत के गहने और नग चोरी हुए हैं.

फीलखाना थाना इलाके में ये दुकान रुचिर और पंकज रस्तोगी की पार्टनरशिप में थी. दोनों आपस में चाचा भतीजे हैं. दोनों के बीच पार्टनरशिप को लेकर विवाद हुआ तो दोनों ने कोर्ट की शरण ली. 2013 में इस दुकान को यथास्थिति में बंद कर दिया गया.

दरअसल कानपुर के स्वरूप नगर निवासी रुचिर रस्तोगी के दादा लाला जुगल किशोर मशहूर सर्राफा कारोबारी थे. उन्होंने बिरहाना रोड पर एक ज्वैलरी शोरूम खोला था जिसमें अपने तीनों बेटों को पार्टनर बनाया था. जुगल किशोर की मौत के बाद उनके तीनों बेटे राज किशोर, पंकज और अंबुज पहले साथ में बिजनेस करते थे, लेकिन बाद में परिवारिक विवाद के बाद शोरूम बंद हो गया था.  सपा नेता आजम खान का विवादित बयान, कहा मैं BJP की राजनीतिक ‘आइटम गर्ल’ हूं

शिकायत करने वाले रुचिर के मुताबिक उस वक्त शोरूम में 100 किलो सोना , 500 किलो चांदी उसके अलावा करोड़ों रुपये की कीमत के हीरे और बेशकीमती नग थे. उनके मुताबिक परिवारिक विवाद का यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था और हाईकोर्ट का आदेश था कि इस मामले में सहमति बनने के बाद ही शोरूम को खोला जाए.

रुचिर का आरोप है कि 17 अक्टूबर को उन्हें पता चला कि तीन- चार दिन पहले शोरूम खोलकर उसमें से जेवरात निकाल लिए गए. उन्होंने अपने चाचा और कर्मचारियों के खिलाफ शक जताते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई है. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी कर्मचारी शोरूम के ऊपर बने मकान में रहता है और जिसकी वजह से वो शक के दायरे में आया है. फिलहाल मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस आभूषण की दुकान व उसके आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही हैं. जिस दुकान में कथित तौर पर चोरी हुई है वह पार्टनरशीप के बीच थी. यह दुकान 30 मई 2013 के बाद से विवाद के चलते बंद है.