
Air India 'Kanishka' Bomb Blast: 23 जून 1985 की तारीख भारतीय और कनाडाई इतिहास के सबसे दर्दनाक हादसों में दर्ज है. इसी दिन एयर इंडिया की फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’, जो मॉन्ट्रियल से दिल्ली जा रही थी, लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर लैंडिंग से महज 45 मिनट पहले हवा में ब्लास्ट हो गई. इस भीषण बम धमाके में फ्लाइट में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी. इन यात्रियों में ज़्यादातर कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक थे. ये अब तक की सबसे भयावह एविएशन त्रासदी है, जिसे कनाडा ने झेला है.
इसकी ज़िम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा पर डाली गई थी. माना जाता है कि ये हमला 1984 में स्वर्ण मंदिर में हुई 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की प्रतिक्रिया में किया गया था.
देश ने दी श्रद्धांजलि
On the 40th anniversary of Air India 182 ‘Kanishka’ bombing, we honour the memory of the 329 lives lost in one of the worst acts of terrorism.
A stark reminder of why the world must show zero tolerance towards terrorism and violent extremism.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2025
एयर इंडिया 182 ‘कनिष्क’ बम विस्फोट की 40वीं बरसी पर मैं उन 329 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ, जिन्होंने इस जघन्य आतंकी हमले में अपनी जान गंवाई। यह हादसा हमें आज भी आतंकवाद की क्रूरता और इसके खिलाफ पूरी दुनिया के एकजुट होने की आवश्यकता का स्मरण कराता है।
भारत की…
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) June 23, 2025
आतंकी संगठन बब्बर खालसा पर लगा था आरोप
इस हमले के बाद कनाडा की रॉयल माउंटेड पुलिस (RCMP) ने इतिहास की सबसे लंबी और गहन आतंकवाद जांच शुरू की. कुछ महीनों बाद बब्बर खालसा के मुखिया तलविंदर सिंह परमार और एक इलेक्ट्रिशियन इंदरजीत सिंह रेयत को हिरासत में लिया गया. लेकिन सबूतों के अभाव में परमार को रिहा कर दिया गया. हालांकि, बाद की जांचों में परमार को हमले का मास्टरमाइंड पाया गया, जिसे 1992 में भारत में पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया.
साल 2000 में रिपुदमन सिंह मलिक और अजयब सिंह बगरी पर सामूहिक हत्या और साजिश के आरोप लगे, लेकिन 2005 में अदालत ने दोनों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इससे पीड़ितों के परिवारों को गहरा झटका लगा. इस मामले में सिर्फ इंदरजीत सिंह रेयत को दोषी ठहराया गया. बाद में उन्होंने कोर्ट में झूठ बोलने के लिए भी सजा पाई.
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दी श्रद्धांजलि
आज, इस भयावह हमले की 40वीं बरसी पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. दिल्ली सीएम ने भी ट्वीट करते हुए कहा, "329 निर्दोष लोगों की हत्या एक भयानक आतंकवादी हमला था. ये घटना आज भी हमें आतंकवाद की क्रूरता और इसके खिलाफ वैश्विक एकता की जरूरत की याद दिलाती है. भारत की नीति स्पष्ट है—आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं. ज़ीरो टॉलरेंस हमारी प्रतिबद्धता है और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता."
‘कनिष्क’ हादसा भले ही 40 साल पुराना हो चुका हो, लेकिन उसका जख्म आज भी ताजा है. यह घटना दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी के तौर पर देखी जाती है.