Nipah Virus Alert: केरल में निपाह वायरस के कारण जान गंवाने वाले 14 वर्षीय लड़के के संपर्क में आने से संक्रमण के खतरे का सामना कर रहे लोगों की संख्या बढ़कर 406 हो गई है, जिनमें से 194 लोग अधिक खतरे की श्रेणी में हैं. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को यह जानकारी दी. केरल के लिए राहत की बात यह है कि जिन 11 लोगों के नमूने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला और तिरुवनंतपुरम स्थित 'एडवांस्ड विरोलॉजी इंस्टीट्यूट' में परीक्षण के लिए भेजे गए थे उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
उन्होंने कहा, "इसमें पलक्कड़ के दो लोग, तिरुवनंतपुरम के दो लोग और मृतक (लड़के) के माता-पिता शामिल हैं. जान गंवाने वाले लड़के के दोस्तों ने उन्हें बताया कि उसने पांडिक्कड़ पंचायत के पास के पेड़ से एक फल खाया था, जहां चमगादड़ों की मौजूदगी का पता चला है.''
केरल के मलप्पुरम के 14 वर्षीय लड़के की रविवार सुबह मौत हो गई थी. निपाह वायरस संक्रमण के कारण यहां उसका इलाज किया जा रहा था. मंत्री जॉर्ज ने कहा कि मृत बच्चे के दोस्तों को इसके नुकसान से निपटने में मदद करने के लिए परामर्श दिया जाएगा और उनकी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी. जिन लोगों पर उसके संपर्क में आने का संदेह है उन्हें स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने और इलाज कराने के लिए कहा गया है. डॉ. बालासुब्रमण्यम के नेतृत्व में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की एक टीम चमगादड़ों और उनकी मौजूदगी के स्थान का निरीक्षण करने के लिए आज (सोमवार) केरल पहुंच रही है. इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम पहले ही केरल पहुंच चुकी है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बुखार पर निगरानी के लिए कुल 224 टीम तैनात की गई हैं और वे पांडिक्कड़ और अनाक्कयम पंचायतों में घरों में सर्वेक्षण कर रही हैं. एक बयान में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने निपाह वायरस से निपटने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया था और नागरिकों से चमगादड़ों के प्राकृतिक ठिकानों को नष्ट न करने का आग्रह किया था.
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