हैदराबाद: कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. परिवहन सेवाओं के ठप होने से कई लोग जहां तहां फंसे हुए है. इस बीच लॉकडाउन मानदंडों का पालन करते हुए एक स्कूल टीचर ने अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए दोपहिया वाहन से 1,400 किलोमीटर का कठिन सफर किया.
यह वाकिया तेलंगाना (Telangana) के निज़ामाबाद (Nizamabad) का है. जहां बोधन (Bodhan) की रहनेवाली रजिया बेगम (Razia Begum) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के नेल्लोर (Nellore) में फंसे अपने बेटे को लाने के लिए स्कूटर से 1,400 किलोमीटर की दूरी तय की. हालांकि उन्होंने इस काम के लिए बाकायदा प्रशासन से मंजूरी ली थी. केरल के राज्यपाल ने एर्नाकुलम में फंसे बहराइच के मजदूरों तक मदद पहुंचाई
Telangana: Razia Begum from Bodhan, Nizamabad rode around 1,400 km on a 2-wheeler to Nellore in Andhra Pradesh, to bring back her son who was stranded there. She says, "I explained my situation to Bodhan ACP & he gave me a letter of permission to travel". (9.4.20) #CoronaLockdown pic.twitter.com/JHfRbdjOa1
— ANI (@ANI) April 10, 2020
स्कूल टीचर रजिया बेगम ने बेटे को वापस लाने के बाद कहा "मैंने बोधन के एसीपी जयपाल रेड्डी (Jaipal Reddy) को अपनी स्थिति के बारे में बताया और उन्होंने मुझे यात्रा करने का परमिशन लेटर दिया". हालांकि पुलिस से अनुमति लेने के बावजूद रजिया को कई स्थानों पर रोका गया, लेकिन वह अधिकारियों को समझाने में कामयाब रही.
बेटे के साथ अपने अपने गृहनगर पहुंचने के बाद रजिया ने कहा कि यह काम मुश्किल नहीं था. डॉक्टर बनने की चाहता रखने वाले रजिया के बेटे निजामुद्दीन (Nizamuddin) बारहवीं का छात्र है. वह पिछले महीने 12 मार्च को एक दोस्त के साथ नेल्लोर गया था. क्योकि दोस्त के पिता की तबियत ख़राब हो गई थी. हालांकि, लॉकडाउन के कारण वह वापस घर नहीं लौट सका.