चेन्नई, 11 दिसंबर: तमिलनाडु के चेन्नई में एक सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर ने एक बच्ची के शव को कार्डबोर्ड कार्टन में सौंपा जिसे देख पिता स्तब्ध रह गया. पिता ने पिछले हफ्ते बाढ़ के दौरान अपनी बच्ची को बचाने का प्रयास किया था लेकिन वह बच नहीं पाई थी.
इस घटना की कई वर्गों ने आलोचना की जिसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने कथित लापरवाही के लिए मुर्दाघर के एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया. घटना के बाद आलोचनाओं के घेरे में आए किलपॉक मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
यहां पुलियानथोप के मसूद बाशा ने कहा, ‘‘मुझे 10 दिसंबर को एक कार्डबोर्ड कार्टन में शव दे दिया गया और इसे मस्जिद में दफनाने के लिए ले गया.’’ बाशा ने कहा कि जैसे ही उसने शव को दफनाने के लिए बक्सा खोला तो बिना कफन के बच्ची के शव को देखकर चौंक गये. इसके बाद ‘‘मुझे कफन खरीदकर दफनाने से पहले शव को लपेटना पड़ा.’’
इस कथित लापरवाही के लिए सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि देश में एक समय जिस चिकित्सा बुनियादी ढांचे की मांग थी, वह आज द्रमुक शासन में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.
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