पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीजेपी (BJP) की तीन जिलों में ‘रथ यात्रा’ (Rath Yatra) निकाले जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 8 जनवरी को सुनवाई होगी. कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बंगाल में बीजेपी की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने वाली सिंगल बेंच का आदेश 21 दिसंबर को रद्द कर दिया था. जिसके बाद बीजेपी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था. बीजेपी ने तर्क दिया था कि बंगाल में शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा आयोजित करने के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.
Supreme Court to hear on January 8, the appeal of the BJP against the Calcutta High Court order with respect to stopping BJP's yatra in the state of West Bengal. pic.twitter.com/vsGN5iWpsG
— ANI (@ANI) January 3, 2019
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इंकार कर दिया था. इस याचिका से जुड़े वकील ने बताया था कि उन्हें शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने सूचित किया है कि यह प्रकरण सामान्य प्रक्रिया में ही सूचीबद्ध किया जाएगा. बीजेपी ने याचिका में कहा था पार्टी को शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा का आयोजन करने के उसके मौलिक अधिकार से सिर्फ अनुमानों के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता जैसा कि राज्य के प्राधिकारी पहले भी बार-बार करते रहे हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार बार-बार नागरिकों के मौलिक अधिकार पर ‘हमला’ कर रही है और इसी वजह से विभिन्न संगठनों को अनुमति देने से इंकार करने के सरकार के रवैये को अलग-अलग याचिकाओं में चुनौती दी जा रही है. यह भी पढ़ें- 2019 के लिए BJP ने बदली रणनीति, वाराणसी नहीं इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे पीएम मोदी!
बीजेपी ‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत ये रथ यात्राएं आयोजित करना चाहती है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी इस रथ यात्रा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में पहुंचने का प्रयास कर रही है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है जबकि बीजेपी विपक्ष में है. मूल कार्यक्रम के तहत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बंगाल के कूच बिहार जिले से सात दिसंबर को इस रथ यात्रा की शुरुआत करने वाले थे. इसके बाद यह रथ यात्रा नौ दिसंबर को दक्षिणी 24 परगना के काकद्वीप और 14 दिसंबर को बीरभूम में तारापीठ मंदिर से शुरू होनी थी.