सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट जज की विवादास्पद टिप्पणियों पर लिया स्वत: संज्ञान

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की खंडपीठ ने लिया, जिसमें भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं.

(Photo Credits ANI)

नई दिल्ली, 20 सितंबर : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की खंडपीठ ने लिया, जिसमें भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं. कर्नाटक हाईकोर्ट में जस्टिस वेदव्यासाचार स्रीशानंद ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एक महिला वकील के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी और बेंगलुरू के एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र को 'पाकिस्तान' कहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है. इसके साथ ही, कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को भी इस मामले में सहायता के लिए बुलाया है. इस संबंध में अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी. यह भी पढ़ें : भ्रष्टाचार के मामले में आरोप खारिज करने की स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज

सोशल मीडिया पर जज स्रीशानंद की दो वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो गई हैं. एक क्लिप में, जज ने बेंगलुरू के एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र को 'पाकिस्तान' संबोधित करते हुए कहा कि वहां की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है. दूसरी क्लिप में, उन्होंने महिला वकील से कहा, "आप विपक्षी पार्टी के बारे में काफी ज्यादा जानती हैं," और इसके बाद उनकी टिप्पणी से काफी विवाद पैदा हो गया.

इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्वीट कर न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी. उन्होंने बताया कि ऐसी टिप्पणियां न केवल न्यायपालिका की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अन्य सुनवाई के दौरान दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत का मुद्दा उठाया. इस पर कोर्ट को अटार्नी जनरल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले पर गृह मंत्रालय ने समिति का गठन कर दिया है. जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने समिति के काम में तेजी लाने की बात करते हुए कहा कि इस मामले पर अब ज्यादा विचार विमर्श नहीं किया जा सकता

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