सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार फिर योगी सरकार को ताजमहल (Taj Mahal)के संरक्षण मामले पर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 4 सप्ताह के अंदर विजन डॉक्यूमेंट अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हम ताजमहल को लेकर चिंतित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यूपी सरकार को ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण के लिए तत्परता दिखानी चाहिए. हम उनकी गतिविधियों का विरोध नहीं करते हैं बल्कि लोकेशन को लेकर चिंतित हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि बिना विजन डॉक्यूमेंट के कोर्ट सरकार की किसी अर्जी की सुनवाई नही करेगा. मामले की सुनवाई आखिर बिना विजन डॉक्यूमेंट के कैसे हो पाएगी? इस मामले की सुनवाई दस्तावेजों के बाद ही आगे बढ़ेगी. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था 29 नवंबर 2018 को सुनवाई के दौरान कि ताजमहल पर विजन डॉक्यूमेंट 8 हफ्ते में तैयार कर लिया जाएगा.
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Supreme Court today slammed the Uttar Pradesh government for the poor upkeep of the historic Taj Mahal and asked it to file a fresh vision document within four weeks with respect to the steps it wanted to take in this regard. pic.twitter.com/nmRI8GZyN2
— ANI (@ANI) February 13, 2019
गौरतलब हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यूपी सरकार को ताज सरंक्षण के लिए विजन डाक्यूमेंट दाखिल करने का वक्त बढ़ाकर 15 नवंबर 2018 तक कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट को यूपी की सरकार ने बताया था कि उसके लिए ये मुश्किल है कि पूरे आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सूबे की सरकार ताज महल के आसपास के क्षेत्र हैरिटेज घोषित करने पर विचार करे.