Maharashtra Legislative Assembly: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा से भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन रद्द किया, कार्रवाई को 'असंवैधानिक और मनमाना' बताया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा से भाजपा के 12 विधायकों के साल भर के निलंबन को असंवैधानिक और मनमाना बताते हुए इसे रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने कहा कि निलंबन केवल सदन के एक सत्र के लिए हो सकता था.
नई दिल्ली, 28 जनवरी : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा से भाजपा के 12 विधायकों के साल भर के निलंबन को असंवैधानिक और मनमाना बताते हुए इसे रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने कहा कि निलंबन केवल सदन के एक सत्र के लिए हो सकता था. इसने आगे कहा कि भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव अवैध था और इसे अप्रभावी घोषित कर दिया. 19 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई में सदन में कथित कदाचार और दुर्व्यवहार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के 12 भाजपा विधायकों के एक साल के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया. निलंबित विधायकों के पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, मुकुल रोहतगी, नीरज किशन कौल और सिद्धार्थ भटनागर ने तर्क दिया. वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अधिवक्ता सिद्धार्थ धर्माधिकारी और अभिकल्प प्रताप सिंह ने सहायता प्रदान की.
वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सुंदरम ने तर्क दिया कि एक सदस्य को एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित करने का कार्य संविधान द्वारा प्रतिबंधित नहीं है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि केवल निहित शक्ति का प्रयोग करने से सदन संविधान के विपरीत कार्य कर सकता है और कोई भी प्रारंभिक शक्ति संविधान या मौलिक अधिकारों से परे नहीं जा सकती है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि निलंबन का कोई औचित्य नहीं है, जो निर्वाचन क्षेत्र के अधिकार को प्रभावित करता है. रोहतगी ने जोर देकर कहा कि 1 साल के निलंबन का निर्णय पूरी तरह से तर्कहीन है, क्योंकि प्राकृतिक न्याय का अनुपालन नहीं किया गया था. यह भी पढ़ें: Gujarat Shocker: मुंह बोले भाई ने जबरदस्ती नाबालिग की मांग में भरा सिंदूर, फिर दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने देखा था कि जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करना, विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करना, 'निष्कासन से भी बदतर' था. निलंबन तब हुआ जब विधायकों ने तत्कालीन अध्यक्ष भास्कर जाधव को बोलने के लिए पर्याप्त समय देने से इनकार करने के लिए दुर्व्यवहार किया था. निलंबित भाजपा विधायकों में आशीष शेलार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कछ, अभिमन्यु पवार, संजय कुटे, राम सतपुते, पराग अलवानी, कीर्तिकुमार भंगड़िया और हरीश पिंपले शामिल हैं.