मणिपुर वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट: "अगर सरकार ने कुछ नहीं किया तो अदालत करेगी"
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनका यौन उत्पीड़न करने के वीडियो का सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया है.
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनका यौन उत्पीड़न करने के वीडियो का सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया है. अदालत ने चेताया है कि इस मामले पर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो अदालत को ही कोई कदम उठाना पड़ेगा.सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके इस वीडियो में कई पुरुषों की एक भीड़ दो महिलाएं को निर्वस्त्र अवस्था में कहीं धकेलती हुई नजर आ रही है. भीड़ में से कुछ युवक बीच बीच में उन महिलाओं का यौन उत्पीड़न भी करते हुए नजर आ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बाद में इन महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया गया. डीडब्ल्यू ने इस मामले में पुलिस को दी गई शिकायत की एक प्रति देखी है. शिकायत चार मई, 2023 की है और कांगपोक्पी जिले के गांव 'बी फैनोम' के मुखिया ने इसे लिखा है.
शिकायत के मुताबिक, उस दिन कई मैतेई संगठनों से जुड़े 800 से 1000 पुरुष हथियारों से लैस हो कर जबरदस्ती उनके गांव में घुस आये, लूटपाट मचाई और घरों में आग लगा दी. पांच गांव वाले अपनी जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गए.
इन्हें बाद में पुलिस ने बचाया लेकिन पुलिस जब इन्हें वापस ले कर जा रही थी तब रास्ते में एक भीड़ ने उन पांचों को पुलिस की सुरक्षा से खींच लिया. उसके बाद भीड़ ने उनमें से एक को मार डाला. उन पांच लोगों में तीन महिलाएं थीं और भीड़ ने तीनों को जबरन निर्वस्त्र किया और उनमें से 21 साल की एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया.
शिकायत के मुताबिक पीड़िता के भाई ने जब अपनी बहन को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसे भी मार डाला. बाद में तीनों महिलाएं किसी तरह से अपनी जान बचा कर वहां से भाग निकलने में सफल हुईं.
इस वीडियो पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेताया है कि वो इस पर कार्रवाई करे, नहीं तो अदालत को ही कोई कदम उठाना पड़ेगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत इस वीडियो से बेहद विचलित हुई है.
चंद्रचूड़ ने कहा, "यह सरासर अस्वीकार्य है. सामुदायिक फसाद के एक इलाके में महिलाओं को एक इंस्ट्रूमेंट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. यह सबसे घिनौना संवैधानिक दुर्व्यवहार है."