सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दूसरे क्या कहते हैं इससे हम नहीं होंगे परेशान, 31 अगस्त तक असम NRC को अंतिम रूप देना जारी रखेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़े एक मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. दरअसल, शीर्ष अदालत ने 1971 और 1987 के बीच भारत में पैदा हुए लोगों की नागरिकता की स्थिति पर आदेश सुरक्षित रखा, जिन्हें एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (Assam NRC) से जुड़े एक मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. दरअसल, शीर्ष अदालत ने 1971 और 1987 के बीच भारत (India) में पैदा हुए लोगों की नागरिकता की स्थिति पर आदेश सुरक्षित रखा, जिन्हें एनआरसी सूची (NRC List) में शामिल नहीं किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हमारे आदेशों और फैसलों के बारे में दूसरे क्या कहते हैं, इससे हम परेशान नहीं होंगे. हम 31 अगस्त की निर्धारित तिथि के अनुसार एनआरसी को अंतिम रूप देना जारी रखेंगे. ज्ञात हो कि छह दिसंबर 2013 को सरकार ने पहली बार अधिसूचना जारी करते हुए एनआरसी की समूची प्रक्रिया को पूरी करने के लिए तीन साल की समय सीमा निर्धारित की थी. हालांकि, उसके बाद से एनआरसी को अपडेट करने के लिए इसकी समय सीमा छह बार बढ़ाई गई है, लेकिन यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
जब एनआरसी का मसौदा पिछले साल 30 जुलाई को पहली बार प्रकाशित हुआ था तब काफी विवाद पैदा हुआ था क्योंकि इसमें 40 लाख से अधिक लोगों को शामिल नहीं किया गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले असम नागरिक पंजी समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद एनआरसी के अंतिम प्रकाशन की अवधि 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त करने के बारे में आदेश पारित किया था. यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने असम की अंतिम NRC के प्रकाशन की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त की
इसके बाद एक अधिसूचना में भारत के महापंजीयक ने कहा था कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अपडेट करने के लिए गणना के काम को 31 अगस्त, 2019 तक पूरा करने को जरूरी माना है.