Sudhanshu Trivedi on Rahul Gandhi: सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, बोले- 'सिर्फ मीडिया आकर्षण पाने के लिए यह कार्य किया'
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि संसद की शीतकालीन सत्र चल रहा है.
नई दिल्ली, 4 दिसंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि संसद की शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस सत्र में इंडी गठबंधन का बिखराव देश की जनता को साफ और स्पष्ट दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत अर्थात सभी कार्य रोक कर कोई मुद्दा डिस्कस किया जाए, इसके तहत 42 नोटिस आए थे. महत्वपूर्ण बात यह है कि नोटिस 9 अलग-अलग विषयों के लिए आए थे. इंडी गठबंधन के किसी भी दल ने, किसी दो दलों ने एक विषय के लिए नहीं दिया था.
यह स्पष्ट था कि कांग्रेस जो अपना एजेंडा लेकर चल रही थी, इंडी गठबंधन के बाकी दलों ने अपनी राह खुद तय कर ली. सदन के पटल पर सहयोगी दलों को साथ में लेने की असफलता के बाद आज राहुल गांधी उस विवशता में एक रस्म अदायगी करने के लिए उत्तर प्रदेश के संभल में जाने की कोशिश करते नजर आए. यह भी पढ़ें : Mumbai Traffic Advisory: देवेंद्र फडणवीस कल मुंबई के आजाद मैदान में CM पद की लेंगे शपथ, यातायात को लेकर एडवाइजरी जारी; चेक डिटेल्स
भाजपा नेता ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा है कि कांग्रेस औपचारिकता निभा रही है. उन्होंने सपा नेता के बयान में एक शब्द जोड़कर कहा कि कांग्रेस औपचारिकता नहीं विवशता निभा रही है. विवशता इसलिए क्योंकि इस मुद्दे पर कांग्रेस के किसी भी नेता ने ना कुछ बोला और ना ही लिखा. ऐसा प्रतीत होता कि राहुल गांधी ने सिर्फ मीडिया आकर्षण पाने के लिए यह कार्य किया है.
उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी ने जब अपना विषय ही बदल दिया तो कांग्रेस पार्टी को मजबूरन उसी दिशा में जाना पड़ा. शायद कांग्रेस को लगा होगा कि सपा ने हमसे ज्यादा माइलेज ले लिया है. कांग्रेस को लगा होगा हम बड़ी पार्टी हैं, अगर हम कोई ऐसा कार्य करें जिस पर बेहतर फोटो दिखेगा तो मीडिया माइलेज हम ले सकते हैं. इसलिए यहां प्रतीत होता है कि दोनों पार्टियों के बीच हो रही अपने कोर वोट बैंक की प्रतिस्पर्धा से ये प्रेरित है. इसमें कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई संवेदनशीलता या कोई भी सहानुभूति का तत्व दिखाई नहीं पड़ता.