Stop Target Killing: जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग करने वालों का होगा सफाया, सरकार का प्लान तैयार
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. घाटी में हिन्दू परिवारों, कश्मीरी पंडित और कर्मचारियों को आतंकी लगातार निशाना बना रहे हैं. इसको लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है.
नई दिल्ली, 8 जनवरी : जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. घाटी में हिन्दू परिवारों, कश्मीरी पंडित और कर्मचारियों को आतंकी लगातार निशाना बना रहे हैं. इसको लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है. सूत्रों की मानें तो टारगेट किलिंग करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है. इस की शुरूआत पिछले कुछ दिनों में दो आतंकी संगठनों को बैन कर और टारगेट किलिंग में शामिल 3 लोगों को आतंकी घोषित कर की जा चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक जम्मू के राजौरी में नए साल की शुरूआत में हुई दो घटनाओं में 6 नागरिकों की टारगेट किलिंग के बाद गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को टारगेट किलिंग पर नकेल कसने और जम्मू संभाग में ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए अपनी रणनीति बदली है. उन्होंने अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू क्षेत्र में टारगेट किलिंग को अंजाम देकर दहशत फैलाने का प्रयास किया है. यह भी पढ़ें : UP: खेलते समय 5 साल के बच्चे ने निगला चुंबक, एक्स-रे देख डॉक्टर भी हैरान
गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग पर शिकंजा कसने की कड़ी में पिछले 3-4 दिनों में कई सख्त कदम उठाए हैं. गृह मंत्रालय ने 4 जनवरी को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के मुख्य भर्तीकर्ता एजाज अहमद को आतंकी घोषित किया. इसके अगले दिन गृह मंत्रालय ने दो और सख्त कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर में सक्रिय लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकी घोषित किया, तो वहीं द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक संगठन को भी सरकार ने बैन कर दिया. 6 जनवरी को गृह मंत्रालय ने पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) को बैन किया और इसी दिन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के अरबाज अहमद मीर जिसे टारगेट किलिंग का मास्टरमाइंड भी माना जाता है को भी आतंकी घोषित कर दिया गया.
बैन किए गए आतंकी संगठन टीआरएफ और पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट मूल रूप से लश्कर और और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रॉक्सी के तौर पर काम कर रहे थे. जानकार बताते हैं कि आतंक के पोषण के लिए पाकिस्तान पर पिछले सालों में बढ़ रहे दबाव को देखते हुए आईएसआई और आतंक के आकाओं ने इन नए संगठनों को भारत में गढ़ा. यह घाटी में आतंक के माहौल को जारी रखना चाहते है और बताना चाहते है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक का खात्मा अभी नहीं हुआ है.
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जब से जम्मू कश्मीर में 370 हटा है, तभी से इन नए आतंकी संगठनों ने नाराज कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनाना शुरू कर दिया. वहीं कोई शक न करे इस लिए इन्हें गैर इस्लामिक नाम दिया गया. कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ हो रही टारगेट किलिंग में सबसे ज्यादा भूमिका इन दोनों आतंकी संगठनों की ही रही है. इन्ही छद्म नाम वाले संगठनों को पहचानकर कड़ी कार्यवाही की जा रही है ताकि पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सके. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों द्वारा पिछले काफी समय से जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा के साथ सटे राजौरी और पुंछ जिलों को फिर से दहलाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि अभी तक जम्मू सेफ-जोन माना जाता था. पर्यटक, स्थानीय नागरिक और कश्मीरी पंडित यहां पूरी तरह सुरक्षित माने जाते थे. लेकिन, अब आतंकियों का रुख इस तरफ होने से सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ गई है. एक अधिकारी के मुताबिक घाटी की तुलना में सुरक्षा बल जम्मू में बहुत कम ऑपरेशन चलाते रहे हैं, लेकिन पिछले 15 महीनों में जवानों ने यहां सघन तलाशी अभियान चलाया है. इस दौरान जम्मू में जवान लगातार हथियार, विस्फोटक, ग्रेनेड, आईईडी, आरडीएक्स सहित कई चीजें जब्त कर रहे हैं.
दरअसल घाटी में सुरक्षाबलों से मिल रही चुनौती के बाद बौखलाए आतंकियों ने नई रणनीति के तहत जम्मू में टारगेट किलिंग बढ़ाने की साजिश रची है. सभी एजेंसियां मिलकर इस आतंकी साजिश से निपटने की रणनीति बना रही है. इसी के तहत केंद्र सरकार ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ की 18 से अधिक अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है, जिनमें 1800 जवान शामिल हैं. सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियों ने राजौरी और पुंछ पहुंचते ही बंकर और पोस्ट बनाने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है.
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग से निपटने और आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी है. हाल में जम्मू में हुई टारगेट किलिंग के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा था कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि हालांकि मौतों की भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन मारे गए लोगों के परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि हमने सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ पूरी आजादी दी है.