ट्रायल के दौरान 'ट्रेन 18' पर फिर फेंका गया पत्थर, खिड़की का शीशा टूटा
देश में मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन 'ट्रेन 18' यानी वंदे भारत एक्सप्रेस पर शनिवार सुबह एक बार फिर पथराव किया गया. यह पथराव उस समय हुआ जब ट्रेन-18 को इसके टाइम ट्रायल के लिए शकूरबस्ती स्थित वर्कशॉप से नई दिल्ली स्टेशन लाया जा रहा था.
देश में मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन 'ट्रेन 18' यानी वंदे भारत एक्सप्रेस पर शनिवार सुबह एक बार फिर पथराव किया गया. यह पथराव उस समय हुआ जब ट्रेन-18 को इसके टाइम ट्रायल के लिए शकूरबस्ती स्थित वर्कशॉप से नई दिल्ली स्टेशन लाया जा रहा था. इस बीच दिल्ली की दया बस्ती के पास इस ट्रेन पर पत्थर फेंका गया जिससे ट्रेन की खिड़की का शीशा टूट गया. बता दें कि इससे पहले भी 20 दिसंबर, 2018 में इसके ट्रायल के दौरान शरारती तत्वों ने ट्रेन 18 पर पथराव कर दिया था जिससे ट्रेन के एक डिब्बे का शीशा चकनाचूर हो गया था. ये पत्थर भी दया बस्ती में ही फेंका गया था.
इस घटना के बाद रेलवे ने लोगों से रेल संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की थी. पिछली बार जब यह हमला किया गया था उस समय ट्रेन को चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सिक्योरिटी के ट्रायल के लिए आगरा ले जाया गया था. ट्रेन-18 देश में मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन है. देश में ही विकसित नयी रेलगाड़ी- ‘ट्रेन-18' सेट का नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस' किया गया है. ट्रेन-18 में अलग से कोई इंजन नहीं है. इस रेलगाड़ी के एक सेट में 16 डिब्बे लगे हैं. यह पहले दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी. इसकी अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. ट्रेन-18 को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने 18 महीने में तैयार किया है. इस पर 97 करोड़ की लागत आई है. यह भी पढ़ें- मेक इन इंडिया के तहत निर्मित ट्रेन-18 का नाम बदलकर हुआ 'वंदे भारत एक्सप्रेस', रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया ऐलान
ट्रेन की खासियत यह है कि इसमें मेट्रो की तर्ज पर यात्री डिब्बे के एक हिस्से में इंजन लगा हुआ है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर केबिन को अंदर से देख सकते हैं. साथ ही ये ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें सीसीटीवी कैमरे, वाई-फाई, इंफोटेनमेंट समेत अन्य कई सुविधाएं भी हैं. इसके प्रत्येक कोच में 52 सीट होगी, वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी. 100 करोड़ की लागत वाली इस ट्रेन में यात्रा के दौरान वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, स्पर्श मुक्त जैव शौचालय, एलईडी लाइट, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और उपस्थित यात्रियों और मौसम के अनुसार तापमान को कम ज्यादा करने में सक्षम मौसम नियंत्रण प्रणाली जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.