सावधान! ठंड से बचने के लिए कभी न करें यह उपाय, अब तक जा चुकी है कई लोगों की जिंदगियां
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है. पहाड़ी राज्यों में बढ़ती बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में भी दिखाई देने लगा है. जिसके कारण उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत कई राज्यों में ठंड अपने चरम पर है. उधर सर्दी बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में घना कोहरा भी शुरू हो गया है.
हैदराबाद: उत्तर भारत (Uttar Pradesh) में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है. पहाड़ी राज्यों में बढ़ती बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में भी दिखाई देने लगा है. जिसके कारण उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत कई राज्यों में ठंड अपने चरम पर है. उधर सर्दी बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में घना कोहरा भी शुरू हो गया है. ठंड से बचने और घर को गर्म रखने के लिए लोग कई तरह के उपाय कर रहे है. इसी में आग जलाकर सोना भी आना है. जो कि ठंड से बचने का सबसे पुराना और सरल उपाय उपाय है. लेकिन इसकी वजह से कई लोगों की जान चली जा रहा है.
ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा तेलंगाना के हैदराबाद से आया है जहां पर एक छोटी सी गलती छह लोगों की मौत की वजह बन गई. हैदराबाद में कोयले से निकलने वाले धुंए की चपेट में आकर छह लोगों की मौत हो गई है. एक घटना जुबली हिल्स में हुई, तो दूसरी घटना बोमारसीपेट में घटी. जुबली हिल्स में एक मां-बेटे की मौत हो गई, जबकि बोमारसीपेट में चार युवाओं की मौत हो गई.
ऐसे गई 6 की जान-
जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के जुबली हिल्स में एक मां और बेटे की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड गैस को सूंघने की वजह से हुई है. दरअसल ठंड से बचने के लिए ये लोग कोयला जलाकर सो रहे थे. इसी तरह की एक और घटना हैदराबाद के मेदीचाल जिले के बोमारसीपेट गांव में हुई. यहां चार युवा एक पोल्ट्री फार्म में कोयले से निकलने वाले धुंए के कारण मौत का शिकार हो गए.
कोयले का धुंआ है जानलेवा-
गौरतलब हो कि कोयले से निकालने वाले धुंए में जानलेवा कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide) गैस होती है. खास बात यह है कि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस में गंध नहीं होती है जिसके कारण लोगों को यह मालूम नहीं पड़ता और वे जहरीली गैस में सांस लेते है. परिणाम स्वरुप कुछ समय बाद लोगों की मौत हो जाती है.
कभी ना करें यह काम-
विशेषज्ञों के मुताबिक बंद कमरे में कभी भी भूलकर भी लकड़ी या कोयले को नहीं जलाना चाहिए. इसके साथ ही सिर्फ धुंआ निकल रही आग को भी बुझाना नहीं भूले. बंद कमरे में आग जलाकर सोने से हर साल सैकड़ों की जान जाती है. ठंड के दिनों में कमरों में सभी हवा के रास्ते बंद होने के नाते वैसे भी वेंटिलेशन की सुविधा कम होती है. इसलिए आग जलाकर सोना जानलेवा साबित हो सकता है. क्योकि बंद कमरों में धुंए का घनत्व बढ़ने से मस्तिष्क क्षति होने का खतरा होता है. साथ ही साथ दम घुटने से जान भी जा सकती है.