Sri Lanka to use Indian Rupees: श्रीलंका का बड़ा फैसला, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का करेगा इस्तेमाल- रिपोर्ट
भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटारा करने के तंत्र में अब दूसरे देश भी दिलचस्पी लेने लगे हैं. मीडिया के हवाले से खबर है कि श्रीलंका ने भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटारा भारतीय रुपये में करने में रुचि दिखाई है.
Sri Lanka to use Indian Rupees: भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) का निपटारा करने के तंत्र में अब दूसरे देश भी दिलचस्पी लेने लगे हैं. ताजाकिस्तान, लक्जमबर्ग, क्यूबा, और सूडान ने तंत्र का उपयोग करने के लिए भारत से बात करना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से इस बात का दावा किया जा रहा है. विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलंका ने भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटारा भारतीय रुपये में करने में रुचि दिखाई है. वह भारत के पड़ोसी द्वीप राष्ट्र के बैंकों ने विशेष रुपया व्यापार खाते (Special Rupee Trading Account) खोले हैं, जिन्हें वोस्त्रो अकाउंट (Vostro Accounts) कहा जाता है.
दरअसल आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका ने सार्क क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए आरबीआई से अनुरोध किया था. रिपोर्ट के मुताबित मॉरीशस और श्रीलंका ने भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटारा भारतीय रुपये में करने में रुचि दिखाई है और आरबीआई की आरे से मंजूरी का इंतजार कर रहा है. यह भी पढ़े: Sri Lanka Economic Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका, खाने से लेकर ईंधन और दवाइयों तक हर चीज में मदद कर रहा है भारत
रिपोर्ट के मुताबित इसका मतलब है कि श्रीलंकाई नागरिक अब $10,000 (INR 8,26,823) रख सकते हैं. इसका अर्थ यह भी है कि श्रीलंकाई और भारतीय एक दूसरे के साथ अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रुपये का उपयोग कर सकते हैं. श्रीलंका के इस करार से भारतीय रूपया को कानूनी मुद्रा के रूप में नामित करने से देश को अमेरिकी डॉलर की अपर्याप्त उपलब्धता के बीच अपने आर्थिक संकट से निपटने में मदद मिलेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जुलाई में डॉलर की जगह रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटारा करने के तंत्र की स्थापना की थी. जानकारी के अनुसार सरकार उन देशों को तंत्र में लाने की कोशिश कर रही है जिनके पास डॉलर की कमी है. सूत्रों के अनुसार भारत अब तक करीब 18 देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने पर सहमति प्राप्त कर चुका है, और जल्द ही 50 से अधिक देशों के साथ समझौता करने की संभावनाएं तलाश रहा है.