Singapore एयरलाइंस का फैसला, विस्तारा से विलय के बाद एयर इंडिया में 3,195 करोड़ रुपये करेगी निवेश

विस्तारा से विलय के बाद एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस 3,195 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी. टाटा ग्रुप की दोनों एयरलाइन एयर इंडिया और विस्तारा का विलय सोमवार से लागू हो जाएगा. एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का ऐलान 29 नवंबर, 2022 को किया गया था

Air India and Singapore

Vistara-Air India Merger: विस्तारा से विलय के बाद एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस 3,195 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी. टाटा ग्रुप की दोनों एयरलाइन एयर इंडिया और विस्तारा का विलय सोमवार से लागू हो जाएगा. एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का ऐलान 29 नवंबर, 2022 को किया गया था. विलय के बाद एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी 25.1 प्रतिशत होगी. विस्तारा एयरलाइन, टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइन का ज्वाइंट वेंचर था। एयरलाइन ने ऑपरेशन की शुरुआत जनवरी 2015 में की थी. इसमें सिंगापुर एयरलाइन की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत और बाकी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की थी.

विलय समझौते के तहत, सिंगापुर एयरलाइन विस्तारा में अपनी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ-साथ संयुक्त इकाई में 25.1 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 2,058.5 करोड़ रुपये नकद योगदान देगी. विलय के बाद टाटा द्वारा एयर इंडिया में डाली गई फंडिंग के आधार पर सिंगापुर एयरलाइन की ओर से 3,194.5 करोड़ रुपये अतिरिक्त निवेश की उम्मीद है. यह भी पढ़े: Air India Non-Stop Flights: एयर इंडिया ने बेंगलुरु और लंदन के बीच शुरू की नॉन-स्टॉप फ्लाइट, 27 अक्टूबर से हवाई सफर के लिए बुकिंग चालू; यहां पढ़ें पूरा डिटेल

हाल ही में, एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइन ने अपने कोडशेयर समझौते का महत्वपूर्ण विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसके तहत उनके नेटवर्क में 11 भारतीय शहर और 40 अन्य अंतरराष्ट्रीय गंतव्य शामिल होंगे। इस विलय के बाद एयर इंडिया देश का एकमात्र फुल सर्विस कैरियर होगा.

फुल सर्विस कैरियर में यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक सेवाएं मिलती है। जैसे टिकट के दामों में ही खाने की कीमत भी शामिल होती है। इस प्रकार की एयरलाइन के पास कई प्रकार के विमान होते हैं और इनका फोकस बड़े नेटवर्क बनाने पर होता है.

वहीं, लो-कॉस्ट या बजट एयरलाइन विशेष रूट्स पर ही चलती है। इनका फोकस कम लागत में हवाई सफर उपलब्ध कराना होता है। ज्यादातर बजट एयरलाइन के पास केवल एक ही प्रकार के विमान होते हैं.

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