महाराष्ट्र में सीएम पद की दावेदारी पर शिवसेना का बड़ा बयान, कहा- अगला मुख्यमंत्री हमारा होगा
औरंगबाद में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे से सवाल पूछा गया था कि, क्या अगला सीएम सेना होगा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कौन कहता है कि उनका सीएम नहीं होगा. ऐसा अपने-अपने कार्यकर्ताओं से कहना गलत नहीं है. उनका यह इशारा बता रहा है कि बीजेपी-सेना के साथ संभल के कदम से कदम मिलाकर चलने के मूड में हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है. लेकिन सीटों का बंटवारा और फिर किस पार्टी का सीएम होगा उसे लेकर अब बीजेपी और शिवसेना ( Shiv sena ) के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी खींचतान अब बड़ा रूप लेती जा रही है. दरअसल शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ (Saamna) के संपादकीय में कहा गया है सूबे का अगला सीएम उनकी पार्टी का ही होगा. मुखपत्र में कहा कि सेना और बीजेपी में पहले ही तय हो गया है. सही समय पर इस बात का खुलासा हो जाएगा.
बता दें कि औरंगबाद में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे से सवाल पूछा गया था कि, क्या अगला सीएम सेना होगा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कौन कहता है कि उनका सीएम नहीं होगा. ऐसा अपने-अपने कार्यकर्ताओं से कहना गलत नहीं है. उनका यह इशारा बता रहा है कि बीजेपी-सेना के साथ संभल के कदम से कदम मिलाकर चलने के मूड में हैं. फिलहाल राजनीति में नेताओं के बयान और विचार पलभर में बदलते भी देखे गए हैं.
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ज्ञात हो कि उद्धव और उनकी पार्टी ने कई मौकों पर न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुलकर विरोध किया, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में बयान भी दिए. यहां तक कि उन्होंने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात तक कही थी. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पहल पर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र में दोनों दलों का गठबंधन हो गया. महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 पर जीत दर्ज की.
गौरतलब हो कि पिछला विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग-अलग लड़ा था. पहली बार बीजेपी ने 125 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी. शिवसेना को 60 सीटें मिली थीं. इस परिणाम के अनुसार, शिवसेना को लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत कम सीटें मिलनी चाहिए थीं. लेकिन उसके भाजपा विरोध का परिणाम रहा कि उसने मोल-तोल कर 23 सीटें हासिल कर ली और भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा. अब विधानसभा चुनाव के लिए उसे फिर एक बार बीजेपी से मोल-तोल करना होगा, और उसकी पूरी कोशिश होगी कि इस बार वह गठबंधन में अधिक सीटें हासिल करे और बड़े भाई की भूमिका में फिर से लौटे.