अमरनाथ यात्रा: भक्त हुए मायूस.. बाबा बर्फानी इस वजह से पिघले
मौसम विभाग श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि पवित्र गुफा के आसपास के क्षेत्र में हजारों लोगों की आवाजाही से ह्यूमन रेडिशन से पारे में हुई बढ़ोतरी हुई और यह हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण बना.
श्रीनगर: पवित्र अमरनाथ यात्रा जारी है. हिमालय पर्वत समूह के मध्य समुद्र तल से तेरह हजार फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा में स्थापित बाबा बर्फानी यात्रा के 25 दिन में ही अंतर्धान हो गए. बताना चाहते है कि समय से पूर्व हिमलिंग के पिघलने के पीछे ह्यूमन इंफा रेडिएशन (मानव शरीर से निकलने वाली गरमाहट) और तपिश को मुख्य कारण बताया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2017 में 2.26 लाख यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दरबार में हाजिरी दी थी.
ज्ञात हो कि जाड़े में कम बर्फबारी और घाटी में जून-जुलाई में चढ़े पारे ने पहाड़ों में गर्मी बढ़ाई. मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में कश्मीर के कई हिस्सों में दिन का तापमान 30 डिग्री के ऊपर रहा, इस कारण पवित्र गुफा के आसपास अधिकतम तापमान 10-20 डिग्री बना रहा. जबकि हिमलिंग को अधिक देर तक बने रहने के लिए माइनस चार या माइनस पांच तक का तापमान होना चाहिए था.
मौसम विभाग श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि पवित्र गुफा के आसपास के क्षेत्र में हजारों लोगों की आवाजाही से ह्यूमन रेडिशन से पारे में हुई बढ़ोतरी हुई और यह हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण बना.
बता दें कि यात्रा के शुरू में रोजाना 15000 या इससे अधिक यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा.
गौरतलब है कि अभी तक 25 से ज्यादा दिन की अमरनाथ यात्रा हो चुकी है, जबकि श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) पर 26 अगस्त 2018 को इसकी समाप्ति होगी, जिससे यात्रा में एक माह अभी बाकी है.