गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपालों को लेकर बड़ा बयान दिया है. सत्यपाल मलिक ने कहा कि गवर्नर का कोई काम नहीं होता. कश्मीर में जो गवर्नर होता है वो अक्सर दारू पीता है और गोल्फ खेलता है. गोवा के राज्यपाल सत्यपाल सिंह मलिक रविवार को बागपत स्थित अपने पैतृक गांव हिसावदा में एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें राज्यपाल सत्यपाल मलिक कहते हैं, 'गवर्नर का कोई काम नहीं होता. कश्मीर में जो गवर्नर होता है वो अक्सर दारू पीता है और गोल्फ खेलता है. बाकी जगह तो गवर्नर होते हैं वो आराम से रहते हैं, किसी झगड़े में पड़ते नहीं हैं.
सत्यपाल मलिक ने कहा, मुझे बिहार में भेजा गया, मैंने कोशिश की वहां शिक्षा में सुधार करने की. मुझे बिहार में भेजा गया, मैंने कोशिश की वहां शिक्षा में सुधार करने की. वहां 110 कॉलेज थे नेताओं के, जिनमें एक भी अध्यापक नहीं था. बीएड का दाखिला करते थे, तीस लाख रुपये लेते थे, इम्तिहान करते थे, डिग्री देते थे. मैंने सारे खत्म किए और सेट्रलाइज्ड इम्तिहान कराया.' यह भी पढ़ें- जानिए कौन हैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू और राधा कृष्ण माथुर.
यहां देखें विडियो-
#WATCH Goa Governor Satya Pal Malik in Baghpat: Governor ka koi kaam nahi hota. Kashmir me jo Governor hota hai aksar wo daru peeta hai aur golf khelta hai. Baki jagah jo Governor hote hain wo aaram se rehte hain, kisi jhagde me padte nahi hain. pic.twitter.com/KTPNx49Eh3
— ANI UP (@ANINewsUP) March 15, 2020
दरअसल, सत्यपाल मलिक कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में किये गए कामों का जिक्र कर रहे थे. सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना काफी मुश्किल काम था, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कर दिखाया. लोग सोचते हैं कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल को कोई काम नहीं. सत्यपाल मलिक ने कहा, कश्मीर के नेताओं ने अपनी राजनीति चकाने के लिए जम्मू-कश्मीर को देश से अब तक दूर रखा.
बता दें कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया गया, सत्यपाल मलिक को गोवा स्थानांतरित कर दिया गया. उनके स्थान पर, गिरीश चंद्र मुर्मू गुजरात कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी को जम्मू-कश्मीर भेजा गया और केंद्र शासित प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया.