सबरीमाला: भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए अड़ी 11 महिलाएं सड़क पर बैठी, हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी, तनाव बरकरार
प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. भले ही राज्य सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हो लेकिन अभी तक मंदिर परिसर में महिलाओं की एंट्री नहीं हो सकी है. तब से अब तक कई महिलाएं मंदिर में दर्शन करने की कोशिश कर चुकी हैं.
तिरुवनंतपुरम: प्रसिद्ध सबरीमाला (Sabarimala) मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. भले ही राज्य सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हो लेकिन अभी तक मंदिर परिसर में महिलाओं की एंट्री नहीं हो सकी है. तब से अब तक कई महिलाएं मंदिर में दर्शन करने की कोशिश कर चुकी हैं. लेकिन भारी विरोध प्रदर्शन की वजह से सभी को वापस लौटना पड़ा. पम्पा बेस कैंप के पास रविवार को तनाव का माहौल है क्योकि 11 महिलाओं का एक समूह भगवान अयप्पा (Ayyappa) के मंदिर जाने के लिए सड़क पर धरना करने के लिए बैठ गई है. दरअसल सभी महिलाएं 50 वर्ष से कम आयु की है. इसलिए श्रद्धालुओं ने महिलाओं को यहां से आगे बढ़ने से रोक दिया है.
चेन्नई के 'मानिथि' संगठन की 11 महिलाओं का समूह आज तड़के अयप्पा मंदिर जाने के लिए पम्पा बेस कैंप पहुंचा. लेकिन श्रद्धालुओं के विरोध की वजह से महिलाओं के समूह को मंदिर परिसर से लगभग पांच किलोमीटर दूर रुकना पड़ गया. जिसके बाद महिला वहीं सड़क पर बैठ कर विरोध कर रही है. हालांकि पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए घेरा बनाया हुआ है. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को हिरासत में लिया है.
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समूह की सदस्य तिलकवती ने कहा, "मंदिर में दर्शन नहीं होने तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस जाने को कहा है. लेकिन हम वापस नहीं जाएंगे."
4 ट्रांसजेंडर ने किए थे भगवान अयप्पा के दर्शन
सबरीमाला में चार ट्रांसजेंडरों ने मंगलवार को भगवान अयप्पा के दर्शन किए. इन लोगों को रविवार को मंदिर जाने की इजाजत नहीं मिली थी. लेकिन एक दिन पहले अनुमति प्राप्त करने के बाद उन्होंने मंगलवार को दर्शन किए. इन सभी ने साड़ी पहनी हुई थी.
सुबह एरुमेली पहुंचने के बाद एर्नाकुलम के चारों भक्तों ने साड़ी पहनी और सुरक्षा के बीच पंबा से सुबह आठ बजे मंदिर की तरफ चढ़ाई शुरू की. रविवार को इन चारों को रविवार को पुलिस ने पहाड़ी पर चढ़ाई पूरी करने से इसलिए रोक दिया था जब उन्होंने कहा था कि वे साड़ी में दर्शन करना चाहते हैं.
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देकर उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तब से मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं.
केरल के सबरीमाला में स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश के लिए पहले आयु प्रमाणपत्र दिखाना पड़ता था. इस मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता. दरअसल महिलाओं के उस समूह को मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है जिन्हें माहवारी होती है. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को इस प्रथा को बंद करने का आदेश सुनाया था.