स्वदेशी का मतलब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं, सामानों को अपनी शर्तों पर हमें लेना है: RSS प्रमुख मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर बोलते हुए विकास के तीसरे मॉडल की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्म निर्भर भारत की बात इसी के आधार पर की है. संघ प्रमुख ने कहा कि मनुष्य की सत्ता है और दूसरा कहता है कि समाज की सत्ता है. ऐसा विचार आया कि दुनिया को एक वैश्विक बाजार बनना चाहिए.
नई दिल्ली, 13 अगस्त : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के सर संघचालक मोहन भागवत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर बोलते हुए विकास के तीसरे मॉडल की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आत्म निर्भर भारत की बात इसी के आधार पर की है. संघ प्रमुख ने प्रो राजेंद्र गुप्ता की दो पुस्तकों का बुधवार को ऑनलाइन विमोचन करते हुए स्वदेशी मुहिम और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के मुद्दों पर भी चर्चा की. संघ प्रमुख ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वदेशी का मतलब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं है. लेकिन विदेशी सामानों को अपनी शर्तों पर हमें लेना है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कोरोना के दौर में नए विकास मॉडल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद जिस तरह की आर्थिक नीतियों की जरूरत थी उस तरह की नीतियां नहीं बन सकीं. उस समय पाश्चात्य देशों के मॉडल का अंधाधुंध अनुकरण किया गया. भारत के अनुकूल नीति नहीं तैयार हुई. हालांकि संघ प्रमुख ने मौजूदा समय इस दिशा में हो रहे प्रयासों पर संतोष जाहिर किया.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पहले एक मॉडल में कहा गया कि मनुष्य की सत्ता है और दूसरा कहता है कि समाज की सत्ता है. ऐसा विचार आया कि दुनिया को एक वैश्विक बाजार बनना चाहिए. लेकिन कोरोना काल की परिस्थितियों में अब विकास के तीसरे मॉडल की जरूरत है जो मूल्यों पर आधारित हो.