चीन से संबंध 'जटिल', पाकिस्तान भारत को बदनाम करने के लिए शत्रुतापूर्ण एजेंडे में मशगूल : विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट
पाकिस्तान पर वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है. भारत की निरंतर स्थिति यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा, यदि कोई हो, तो उसे आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली: भारत (India) ने स्वीकार किया है कि चीन (China) के साथ उसके संबंध 'जटिल' हैं, जबकि भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) के साथ संबंधों को सामान्य करने के नई दिल्ली के प्रयासों के बावजूद लगातार सीमा पार आतंकवाद (Terrorism) को प्रायोजित करने के लिए उसकी आलोचना की. साल 2022 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर शांति भंग करने के प्रयासों के लिए अपने दोनों पड़ोसी देशों की आलोचना करता रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन के साथ भारत का जुड़ाव जटिल है. अप्रैल-मई 2020 से शुरू होने वाले पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करने के चीनी प्रयासों ने एलएसी के साथ शांति को भंग कर दिया है. भारतीय सशस्त्र बलों ने इनका सामना किया है." MEA on Pakistan: 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को लेकर भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार
इसमें आगे कहा गया है कि विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष को अवगत कराया है कि सामान्य स्थिति की बहाली के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की बहाली की आवश्यकता होगी. इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि भारत-चीन संबंध तीन आपसी - आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित. एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने के लिए दोनों पक्ष राजनयिक (जून 2020 से परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 11 बैठकें) और सैन्य चैनलों (जून 2020 से वरिष्ठ सर्वोच्च सैन्य कमांडर (एसएचएमसी) की 17 बैठकें) के माध्यम से जुड़े हुए हैं.
पाकिस्तान पर वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है. भारत की निरंतर स्थिति यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा, यदि कोई हो, तो उसे आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए. यह जिम्मेदारी है. हालांकि, पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखता है, सामान्य व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान को प्रतिबंधित करता है.
इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को बदनाम करने और अपनी घरेलू राजनीतिक और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए शत्रुतापूर्ण और मनगढ़ंत प्रचार में लगा हुआ है. भारत ने उन मामलों पर पाकिस्तान के सभी कार्यो और बयानों को पूरी तरह से और स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है जो भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "देशों के बीच एक बड़ी समझ है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इससे संबंधित मामले भारत के लिए आंतरिक हैं. भारत के लगातार आग्रह के बावजूद कि पाकिस्तान जनवरी 2004 की अपनी मिट्टी या क्षेत्र को अपने अधीन नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करता है. भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नियंत्रण, सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ और नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार भारत में हथियारों की अवैध तस्करी में कोई कमी नहीं आई है."
आगे कहा गया है, "पाकिस्तान ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के परिवारों को न्याय दिलाने में अभी तक ईमानदारी नहीं दिखाई है. भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान की आवश्यकता पर लगातार जोर दिया है. भारत लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा है. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी घुसपैठ को पाकिस्तान का निरंतर समर्थन मिलता रहा है. इस तरह के आउटरीच में पकड़े गए आतंकवादियों के पाकिस्तानी मूल के बारे में विश्वसनीय जानकारी भी साझा की जाती है."